राधाकृष्ण दोड्डमनी।

लोकसभा चुनाव
चुनाव लडऩे को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं खरगे
हुब्बल्ली. एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की आगामी लोकसभा चुनाव लडऩे की अनिच्छा के चलते आलाकमान और केपीसीसी ने खरगे के दामाद राधाकृष्ण दोड्डमनी को मैदान में उतारने में रुचि दिखाई है।
पता चला है कि हाल ही में चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरणप्रकाश पाटिल ने बेंगलूरु के एक निजी होटल में जिले के विधायकों से मंत्रणा कर निर्देश दिया है कि अगर आलाकमान राधाकृष्ण को मैदान में उतारता है तो उनकी जीत सुनिश्चित की जाए।

सकारात्मक संकेत नहीं दिए
अपराजित कहे जाने वाले मल्लिकार्जुन खरगे 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने एक समय के शिष्य डॉ. उमेश जाधव से हार गए थे। उन्होंने कई बार सार्वजनिक समारोहों में अपनी हार की कड़वाहट को याद किया है। इस बार एआईसीसी के अध्यक्ष पद जैसी अहम जिम्मेदारी है और राष्ट्रीय स्तर पर उम्मीदवारों का चयन करना है। साथ ही इंडिया गठबंधन को भी साथ लेकर चलना है। राज्यसभा सदस्यता का कार्यकाल अभी चार साल है। इतने सारे दबाव और तनावपूर्ण स्थिति में गुलबर्गा (कलबुर्गी) लोकसभा क्षेत्र से दोबारा चुनाव लडऩे को लेकर खरगे दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। हाल ही में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए खरगे ने अपने चुनाव लडऩे के बारे में कुछ भी सकारात्मक संकेत नहीं दिए हैं।

खरगे की चुनाव लडऩे की संभावना कम
उनके बेटे मंत्री प्रियांक खरगे ने भी कहा है कि खरगे साहब को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभानी हैं और चूंकि वे 83 साल के हैं, इसलिए निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित रहकर प्रचार करना मुश्किल है। साथ ही, उनके पास बिना चुनाव लड़े राज्यसभा सदस्य बने रहने का फैसला लेने का पूरा मौका है। इसके जरिए परोक्ष रूप से कहा कि खरगे की चुनाव लडऩे की संभावना कम है।

खरगे की ओर से सुझाए गए उम्मीदवार पर सहमति
पार्टी के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी, राहुल गांधी, एआईसीसी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या, केपीसीसी अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने चर्चा की है और गुलबर्गा निर्वाचन क्षेत्र से खरगे की ओर से सुझाए गए उम्मीदवार को मैदान में उतारने को लेकर सहमति व्यक्त की है।

प्रियांक भी नहीं लड़ेंगे चुनाव
ग्रामीण विकास और पंचायत राज, आईटी, बीटी जैसे अहम विभाग संभाल रहे प्रियांक खरगे का भी झुकाव राष्ट्रीय राजनीति की ओर नहीं है। साथ ही वे विपक्षी दलों की ओर की जा रही सरकार की आलोचना का भी प्रभावी ढंग से सामना कर रहे हैं। इसके चलते राधाकृष्ण के ही अंतत: कांग्रेस के उम्मीदवार होने को लेकर पार्टी के खेमे में जोर-शोर से आवाज उठ रही है।

राज्य के कांग्रेस नेताओं ने दिलाया भरोसा
कहा जा रहा है कि राज्य के कांग्रेस नेताओं ने आलाकमान को भरोसा दिलाया है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार है और गारंटी योजनाएं हर परिवार तक पहुंच रही हैं। इसके चलते अगर राधाकृष्ण चुनाव लड़ते हैं तो उनके लिए जीतना आसान होगा।

मंचों पर कम ही नजर आते हैं राधाकृष्ण
मृदुभाषी और सार्वजनिक मंचों पर कम ही नजर आने वाले राधाकृष्ण पीपुल्स एजुकेशन सोसाइटी के प्रमुख हैं। बेंगलूरु और कलबुर्गी में अंबेडकर शैक्षणिक संस्थानों के प्रभारी हैं।

खरगे ही लेंगे फैसला
मल्लिकार्जुन खरगे को जितना अनुभव है उतनी मेरी उम्र नहीं है। इसके चलते उन्हें चुनाव लडऩे के बारे में कह नहीं सकता। अपने चुनाव लडऩे के बारे में वेही फैसला लेंगे।
डॉ. शरण प्रकाश पाटिल, चिकित्सा शिक्षा मंत्री

पार्टी उम्मीदवार को जिताना हमारी जिम्मेदारी
हाल में हुई बैठक में हमने कहा है कि गुलाबर्गा लोकसभा क्षेत्र से हाईकमान की ओर से मैदान में उतारे गए उम्मीदवार को जिताना हमारी जिम्मेदारी है।
अल्लम प्रभु पाटिल, विधायक, कलबुर्गी

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