निजी बीज कंपनियों ने हाथ खड़े किए, अधर में किसानकुष्टगी तालुक के नेरेबेंची के पास कपास के बीज उत्पादन में जुटे मजदूर।

कोप्पल. कुष्टगी में कपास बीज उत्पादन के लिए किसानों को लुभाने वाली विभिन्न निजी बीज कंपनियों पर अब अपने वादे पूरे न करके किसानों को बेसहारा छोडऩे के आरोप लगे हैं।
किसानों को लगता था कि अगर वे छोटे से क्षेत्र में कपास बीज उत्पादन शुरू करेंगे तो कुछ पैसे कमा लेंगे और अपने परिवार का भरण-

पोषण कर लेंगे परन्तु जब से कंपनियों ने दो क्विंटल से अधिक बीज खरीदने से मना किया है, तब से कई किसानों ने अपने कपास के पौधे उखाड़ दिए हैं और आर्थिक रूप से तबाह हो गए हैं। देखा जा रहा है कि कई किसान अभी भी इस दुविधा में हैं कि बीज उत्पादन जारी रखें या पौधे उखाड़ दें।

ज्ञात हो कि आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों से संबंधित कई निजी बीज कंपनियों के वादों में फंसकर कुष्टगी तालुक सहित जिले के हजारों किसान कपास बीज उत्पादन में लगे हुए हैं।

अधिकतम दो क्विंटल ही बीज खरीदेंगी कंपनियां

इस क्षेत्र में हर साल कपास के बीज का उत्पादन होता रहा है। जिन किसानों ने अच्छे तरीके से बीज का उत्पादन किया है, उन्हें अच्छी आय भी हुई है, जिससे उन्हें फिर से बीज उत्पादन शुरू करने की प्रेरणा मिली है। शुरुआत में मूल बीज, खाद और कीटनाशक उपलब्ध कराने वाली कंपनियां बाद में उत्पादित बीज की मात्रा ब्याज सहित काट लेती हैं। पिछले वर्षों की तरह कंपनियों ने किसानों की ओर से न्यूनतम और अधिकतम उत्पादन किए जाने पर भी बीज खरीदे हैं परन्तु इस बार उन्होंने कहा है कि वे अधिकतम दो क्विंटल ही बीज खरीदेंगे और इससे अधिक उत्पादन होने पर जिम्मेदार नहीं होंगे।

संपर्क में नहीं आ रही कंपनियां

किसानों ने शिकायत की है कि शुरुआत में किसानों को बीज उत्पादन के लिए प्रेरित करने वाली निजी कंपनियां अब बहाने बना रही हैं। किसी भी निजी कंपनी का कोई अधिकारी किसानों के संपर्क में नहीं आ रहा है। पूरा लेन-देन बिचौलियों या स्थानीय कमीशन एजेंटों के माध्यम से ही हो रहा है। अगर कोई समस्या होती है तो बिचौलिए भी हाथ खड़े कर देते हैं। कोई भी कंपनी कानूनी तौर पर किसानों के साथ एग्रीमेंट नहीं करती। अगर कंपनियां मदद नहीं करती हैं तो किसान गर्त में चले जाएंगे। इसे कानून के जरिए भी ठीक करना संभव नहीं है। कृषि विभाग का कंपनियों पर नियंत्रण नहीं होने से जिले में कितने क्षेत्र और कौन सी कंपनियां बीज उत्पादन गतिविधियों में लगी हैं इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है।

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