सिरुगुप्पा शहर के टीपू सुल्तान सर्कल में सीमेंट की टंकी रखकर मवेशियों और पक्षियों को पानी उपलब्ध कराते सामाजिक कार्यकर्ता चौधरी हारुन साब।

टीपू सुल्तान सर्कल में सीमेंट की टंकी रखकर पानी संग्रह
बल्लारी. सिरुगुप्पा शहर में सामाजिक कार्यकर्ता चौधरी हारुन साब ने इस साल भीषण सूखे की स्थिति में पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रहे मवेशियों और पक्षियों को पानी उपलब्ध कराकर मानवता की मिसाल कायम की है।
शहर के टीपू सुल्तान सर्कल में सीमेंट की टंकी रखकर उसमें पानी एकत्र कर सडक़ किनारे आवारा मवेशियों, आवारा कुत्तों और पक्षियों को पानी पिलाने के साथ ही प्याऊ केंद्र शुरू कर समाज के लिए रोल मॉडल बने हैं।
गर्मी आते ही तालुक में हर जगह पानी की कमी होने लगती है। जल स्रोतों, तालाबों के सूखने से पशुधन, पक्षियों और कीड़ों का पानी के लिए तड़पना आम है।
वे अपने खर्च पर सीमेंट टैंक खरीदकर दैनिक 300 रुपए खर्च कर पानी इकट्ठा कर रहे हैं। पानी को ठंडा करने के लिए पानी की टंकी के चारों ओर बांस की प्लेट बनाई गई है। सूर्य की गर्मी से प्यासे गायें, कुत्ते और पक्षी कुछ देर यहीं रुककर यहां रखे शीतल पेयजल को पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।

छोटी सी सेवा शुरू की है
इस बार तेज धूप के कारण बांधों और झील के तटबंधों में पानी नहीं है। पशु-पक्षी गर्मी से बेहाल हैं। भोजन नहीं मिलने से संघर्ष कर रहे हैं। मानवीय दृष्टिकोण से उनकी सुरक्षा के लिए सभी को प्राथमिकता देनी चाहिए। इससे उनकी आबादी बचेगी। इसके बारे में लोगों को जागरूक करने की दिशा में काम करने की जरूरत है। इंसान कई तरह के शीतल पेय (कोल्ड ड्रिंक) की शरण में जाता है परन्तु हमने पशु-पक्षियों की तकलीफ दूर करने के लिए छोटी सी सेवा शुरू की है।
चौधरी हारून साहब, सामाजिक कार्यकर्ता, सिरुगुप्पा

युवाओं और संगठनों के लिए आदर्श
आवारा मवेशियों और पक्षियों को पीने का पानी उपलब्ध कराने वाली समाज सेवा आज के युवाओं और संगठनों के लिए आदर्श है।
रामन्ना प्याटे, प्रबंधक,  गौशाला, आंजनेय मंदिर, सिरुगुप्पा,

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