मेंगलूरु. कर्नाटक उलेमा समन्वय समिति ने मांग की है कि केंद्र सरकार ओर से लागू किया जा रहा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक असंवैधानिक है और इसे कानून के तौर पर लागू करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
इस विधेयक के विरोध में समिति के नेतृत्व में मुसलमानों ने शहर में विरोध मार्च निकाला।
उन्होंने कहा कि वे जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपकर विधेयक को वापस लेने की मांग करेंगे।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि विधेयक के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति ने मुसलमानों के विचारों की अनदेखी की है। रिपोर्ट को एकतरफा तरीके से अलोकतांत्रिक तरीके से लोकसभा में पेश किया गया है। यदि इस रिपोर्ट को मंजूरी दे दी जाती है और इसके आधार पर विधेयक पेश किया जाता है तो यह असंवैधानिक विधेयक होगा। अपने धर्म का पालन करना तथा धार्मिक रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार अपनी संस्थाओं को चलाना मुस्लिम समुदाय का संवैधानिक अधिकार है। राष्ट्रपति को मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को छीनने के केंद्र सरकार के अडिय़ल फैसले को लागू नहीं करने देना चाहिए।
बैठक की अध्यक्षता कर कर्नाटक उलेमा फेडरेशन के अध्यक्ष सैयद इस्माइल तंगल उजीरे ने कहा कि हम अपनी जान की परवाह किए बिना वक्फ संपत्तियों की रक्षा करेंगे। हम अपनी आखिरी सांस तक न्याय के लिए लडऩे को प्रतिबद्ध हैं।
काजी एम. अब्दुल हमीद मुसलियार माणी ने विरोध मार्च को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। संगठन के महासचिव केएम उस्मानुल फैजी ने बैठक का उद्घाटन किया और भाषण दिया। कर्नाटक वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी सादी ने प्रास्ताविक भाषण दिया। एमएसएम अब्दुल रशीद जैनी और अब्दुल अजीज दारीमी चोक्कबेट्टू ने भाषण दिया। रफीक अहमद हुदवी कोलार ने स्वागत किया। सिद्दीक केएम मोंटुगोली ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
रोजेदार मुसलमानों ने मिलाग्रेस के निकट से घंटाघर तक विरोध मार्च में भाग लिया था।
राज्य सरकार को भी विधेयक का करे विरोध
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि केरल और तेलंगाना राज्य विधानसभाओं ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है, जिसे केंद्र लागू करना चाहता है। इसी प्रकार हमारे राज्य में भी इस विधेयक का विरोध करने का निर्णय लेना चाहिए। मुसलमानों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
उलेमा संघ के नेता वलवूर के यूके मुहम्मद सादी, बंटवाल के एसपी हंझ सखाफी, काशीपट्ट के पीपी अहमद सखाफी, सैयद अमीर तंगल, सम्प्या के अब्दुल हमीद दारीमी, कडबा के केपीएम शरीफ फैजी, अबूबकर सिद्दीक दारीमी, शरीफ दारीमी, पट्टोरिया के पीएम उस्मान सादी, केएल उमर दारीमी, तोके के टीएम मुहियुद्दीन कामिल सखाफी, सल्मरद के उमर दारीमी, सवनूर के कासिम दारीमी, जेप्पू के एनएम अब्दुल रहमान मदनी, सुरीबैल के केकेएम. कामिल सखाफी, मल्लुर के एमपीएम अशरफ सादी, कोंडंगेरी के इस्माइल सखाफी, तुंबे के अबू सॉलीह फैजी, मुंडोल के मुहम्मद मुसलियार, कलकत्ता के अब्दुल रहमान रजवी, जिला वक्फ सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष अब्दुल नासिर लक्कीस्टार, उपाध्यक्ष अशरफ किनार, कांग्रेस नेता अशरफ और अन्य ने भाग लिया था।