खनन माफियाओं की मनमानी से निर्माण कार्य प्रभावित
आम जनता पर आर्थिक बोझ
मेंगलूरु. राज्य सरकार की ओर से लाल पत्थर (केम्पुकल्लु) पर रॉयल्टी में 58.82 प्रतिशत की कटौती के बावजूद दक्षिण कन्नड़ जिले में इसकी कीमतों में कोई गिरावट नहीं आई है। खनन माफिया अब भी प्रति पत्थर 50 से 55 रुपए वसूल रहे हैं, जिससे आम नागरिक, ठेकेदार और निर्माण क्षेत्र से जुड़े लोग परेशान हैं।
गृह निर्माण, वाणिज्यिक भवनों और अवसंरचना परियोजनाओं की लागत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए घर बनाना अब और भी कठिन हो गया है।
पहले ठप पड़ा था खनन कारोबार
पूर्व में राज्य सरकार ने 10 टन (करीब 400 पत्थर) पर रॉयल्टी 50 रुपए से बढ़ाकर 2,564 रुपए कर दी थी, जिसमें रॉयल्टी 700 रुपए, डीएमएफ 70 रुपए, एपी 280 रुपए और अन्य शुल्क शामिल थे। इस निर्णय के विरोध में खनन उद्यमियों ने काम बंद कर दिया था, जिससे तटीय जिलों में निर्माण कार्य ठप पड़ गए थे।
सरकार का निर्णय, लेकिन कीमतें जस की तस
खनन उद्योग, ठेकेदारों और जनप्रतिनिधियों के दबाव के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर बेंगलूरु में विधानसभा अध्यक्ष यू.टी. खादर, जिला प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडूराव और खनन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें रॉयल्टी घटाकर 920 रुपए प्रति 10 टन करने का निर्णय लिया गया, जिसे कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई।
इसके बावजूद, बाजार में 10 टन लाल पत्थर 18,000 रुपए से 20,000 रुपए तक में बेचा जा रहा है, जबकि सरकार को रॉयल्टी के रूप में मात्र 920 रुपए ही प्राप्त हो रहे हैं।
जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग
स्थानीय ठेकेदारों ने मांग की है कि दक्षिण कन्नड़ जिला प्रशासन तत्काल हस्तक्षेप करे और यह जांचे कि रॉयल्टी घटने के बाद भी कीमतें क्यों नहीं घटीं।
सिविल कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष महाबल कोटारी ने कहा कि पहले 30 रुपए में मिलने वाला लाल पत्थर अब 55 रुपए में मिल रहा है। इससे 1,200 वर्ग फुट के मकान की लागत में 3 लाख रुपए तक की वृद्धि हो रही है। अगर यही स्थिति रही, तो आम आदमी के लिए घर बनाना नामुमकिन हो जाएगा।
यह स्थिति दर्शाती है कि सरकारी नीतियों का लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है और खनन माफियाओं की मनमानी अब भी जारी है। प्रशासनिक हस्तक्षेप और सख्त निगरानी की आवश्यकता है ताकि निर्माण क्षेत्र को राहत मिल सके और जनता को न्याय मिल सके।
आवश्यक कार्रवाई की जाएगी
राज्य सरकार ने रॉयल्टी घटाकर 920 रुपए कर दी है, लेकिन खनन संचालक कीमतें कम नहीं कर रहे हैं। प्राप्त शिकायतों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
–संदीप जी.यू., वरिष्ठ भूविज्ञानी, दक्षिण कन्नड़
