राज्य में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी

ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत होती स्वास्थ्य सेवाओं का असर

मेंगलूरु. राज्य में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति मान रहे हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ होने से नवजात मृत्यु दर में स्पष्ट कमी आई है। वर्तमान में प्रति एक हजार बच्चों पर १२ नवजात शिशुओं की मृत्यु हो रही है, जबकि पहले यह आंकड़ा १६ से अधिक था।

विशेष नवजात शिशु देखभाल केंद्रों का योगदान

राज्य के 9 तालुक अस्पतालों में विशेष नवजात शिशु देखभाल केंद्र (एसएनसीयू) स्थापित किए गए हैं। अन्य अस्पतालों में नवजात स्थिरीकरण इकाइयां (एनबीएस) शुरू होने से गंभीर नवजातों को समय पर उपचार मिल रहा है। केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, जहां प्रति वर्ष 3000 प्रसव होते हैं, वहां एसएनसी अनिवार्य हैं। इसी कारण कई केंद्र प्रभावी ढंग से कार्यरत हैं।

दक्षिण कन्नड़ जिला राज्य में सबसे बेहतर स्थिति वाला जिला है, जहां पिछले तीन वर्षों में लगातार कम मृत्यु दर दर्ज हुई है।

और कम करने के प्रयास जारी

नवजात मृत्यु दर में आई कमी स्वास्थ्य क्षेत्र में चल रहे सुधारों का परिणाम है। इसे और कम करने के लिए प्रयास जारी रहेंगे।
दिनेश गुंडूराव, राज्य स्वास्थ्य मंत्री

आंकड़ों में सुधार

2022-23 में राज्य में कुल 7,471 नवजातों की मृत्यु दर्ज हुई थी।
2023-24 में यह संख्या घटकर 5,634 रह गई।
2024-25 में मामूली बढ़ोतरी के साथ 5,826 मामले सामने आए।

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