दपरेे के माल ढुलाई राजस्व में 448 करोड़ रुपए की कमी

पांच साल में सबसे बड़ी गिरावट!

हुब्बल्ली. पिछले वित्तीय वर्ष में, दक्षिण-पश्चिम रेलवे (दपरे) ने माल ढुलाई राजस्व में लगभग 448 करोड़ रुपए की कमी हुई है। यह पांच साल में सबसे बड़ी गिरावट है।

वित्त वर्ष 2024-25 में माल ढुलाई राजस्व में 9.4 फीसदी की कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप 448.74 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। 2022-23 में माल ढुलाई राजस्व 4,701.68 करोड़ रुपए, 2023-24 में 5,121.24 करोड़ रुपए था। यह 2024-25 में घटकर 4,672.50 करोड़ रुपए हो गया है।

माल ढुलाई राजस्व में भारी गिरावट

दक्षिण पश्चिम रेलवे ने विश्लेषण किया है कि दक्षिण पश्चिम रेलवे लौह अयस्क, इस्पात उत्पाद, कोयला, सीमेंट और खाद्य पदार्थों को विभिन्न स्थानों पर पहुंचाता है। दक्षिण पश्चिम रेलवे के लिए लौह अयस्क माल ढुलाई राजस्व का मुख्य स्रोत है। निर्यात अयस्क विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। वैश्विक स्तर पर लौह अयस्क की कीमतों में भारी गिरावट के कारण, कर्नाटक से निर्यात नहीं हो रहा है। इसके चलते माल ढुलाई राजस्व में भारी गिरावट आई है।

राजस्व पर सीधा प्रतिकूल प्रभाव पड़ा

दक्षिण पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. मंजूनाथ कनमडी ने कहा लौह अयस्क की कीमत, जो जनवरी 2024 में विदेश में 139 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के उच्च स्तर पर थी, सितंबर 2024 तक अचानक गिरकर 91.28 डॉलर हो गई। चूंकि 2024 के आखिरी तीन महीनों और 2025 के पहले तीन महीनों में लेनदेन 90-103 डॉलर की सीमा में हुआ था, इसलिए निर्यातकों ने अयस्क का परिवहन करने में संकोच किया। इससे माल ढुलाई में 77.44 प्रतिशत की कमी आई है। इसका राजस्व पर सीधा प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

प्रोसेस्ड स्टील के परिवहन में आई गिरावट

स्टील कारखानों में कच्चे माल का परिवहन स्थिर है, जिसमें 20.06 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अधिकांश कारखाने दक्षिण पश्चिम रेलवे पर निर्भर हैं, जो लगातार खनन क्षेत्रों से माल ला रहा है। पिग आयरन और प्रोसेस्ड स्टील के परिवहन में गिरावट आई है। कोयले के परिवहन में भी मामूली वृद्धि हुई है।

मक्के का निर्यात नहीं हुआ

कृषि उत्पादों के परिवहन में मक्का महत्वपूर्ण है। विदेशों में मक्का उत्पादों की भारी मांग है, और उन्हें आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम और तमिलनाडु के कृष्णगिरि के माध्यम से विदेशों में ले जाया जाता है। इन बंदरगाहों तक परिवहन दक्षिण पश्चिम रेलवे की ओर से किया जाता है।

माल ढुलाई राजस्व पर भी पड़ा असर

गदग, हावेरी, बागलकोट, विजयपुर, बेलगावी जैसे विभिन्न स्थानों से मक्का निर्यात किया जा रहा है परन्तु कम उपज और खराब गुणवत्ता के कारण 2024-25 में मक्के का निर्यात नहीं किया गया। इससे माल ढुलाई राजस्व पर भी असर पड़ा है।
विनय जवली, पूर्व अध्यक्ष, हुब्बल्ली चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज

चालू वित्त वर्ष में माल ढुलाई में अच्छी शुरुआत

दक्षिण पश्चिम रेलवे ने पिछले वर्ष की चुनौतियों का सामना करने के लिए रणनीति तैयार की है। चालू वित्त वर्ष में माल ढुलाई में अच्छी शुरुआत हुई है, जिसमें अप्रेल…-मई में 19.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। बाजार की गतिशीलता के अनुरूप वैगनों और पटरियों की कार्गो क्षमता बढ़ाई जा रही है।
डॉ. मंजूनाथ कनमडी, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, दक्षिण पश्चिम रेलवे

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