पंद्रह दिनों से बंद पड़ा अपशिष्ट पानी शोधन संयंत्र
हुब्बल्ली. शहर के तोलनकेरे उद्यान में स्थित अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र पिछले पंद्रह दिनों से पूरी तरह बंद पड़ा है। इसके कारण ऊपरी क्षेत्रों से आने वाला नाला और गटर का गंदा पानी बिना शोधन के ही झील में मिल रहा है।
संयंत्र के पास स्थित प्रबंधन कक्ष की खिडक़ी पर एक पर्ची चिपकाई गई है, जिसमें लिखा है कि कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण संयंत्र अनिश्चितकाल के लिए बंद है।
लोगों का कहना है कि संयंत्र के प्रभारी अधिकारी, प्रबंधन कर्मचारी, इलेक्ट्रीशियन और सुरक्षा कर्मी नदारद हैं। कर्मचारियों का कहना है कि डेढ़ साल से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है, इसलिए उन्होंने संयंत्र बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
वार्ड संख्या-30 के रेणुकानगर, गांधी नगर, रामलिंगेश्वर नगर, राघवेंद्र नगर, मानसगिरी बस्ती, सरस्वतपुर और रामकृष्ण नगर सहित ऊपरी क्षेत्रों से तोलनकेरे झील में गंदा पानी आता है। इसे शुद्ध कर झील में छोडऩे के लिए झील के किनारे यह संयंत्र लगाया गया है। अब बंद होने से स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है।
सीधे झील में जा रहा गंदा पानी
सामाजिक कार्यकर्ता लिंगराज धारवाड़शेट्टर ने कहा कि शुरू से ही संयंत्र वैज्ञानिक तरीके से काम नहीं कर रहा था। 50-60 प्रतिशत पानी का शोधन हो रहा था परन्तु अब तो बिना शोधन का गंदा पानी सीधे झील में जा रहा है।
मच्छरों का प्रकोप
स्थानीय महिला ललितम्मा नासिपुडी ने कहा कि स्मार्ट सिटी और नगर निगम करोड़ों रुपए खर्च कर मॉडल पार्क और झील का विकास तो कर रहे हैं परन्तु गंदे पानी की सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गंदे पानी के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और माहौल में बदबू फैल रही है।
जल्द भुगतान का आश्वासन दिया है
संयंत्र का संचालन ठेके पर नियुक्त 7-9 कर्मचारी करते हैं, जो तीन शिफ्टों में काम करते हैं। तकनीकी कारणों से उनका वेतन रुका हुआ है, परन्तु चर्चा कर जल्द भुगतान का आश्वासन दिया गया है।
-विठ्ठल तुबाके, मुख्य अभियंता. हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम
