बेलगावी. कर्नाटक की राजनीति में बेलगावी जिले की राजनीति हमेशा से ही विशिष्ट रही है। जारकिहोली बंधुओं का राजनीतिक दबदबा इस जिले में काफी मजबूत है, और इसे चुनौती देना आसान नहीं है। यह बात राज्य की राजनीतिक बिरादरी को भली-भांति ज्ञात है परन्तु अब, बेलगावी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक (डीसीसी बैंक) के चुनाव को लेकर एक नया राजनीतिक मोड़ सामने आया है।
सूत्रों के अनुसार, जारकिहोली बंधुओं के प्रभाव को कमजोर करने के उद्देश्य से लिंगायत समुदाय के प्रमुख नेताओं ने पार्टी सीमाओं से परे एकजुट होकर, महाराष्ट्र के एक प्रमुख मठ में गुप्त बैठक की है।
इस बैठक में कांग्रेस, भाजपा, जेडीएस जैसी पार्टियों से संबंधित नेताओं सहित ज्यादातर लिंगायत नेता शामिल हुए हैं। बैठक का प्रमुख उद्देश्य डीसीसी बैंक चुनाव में जारकिहोली बंधुओं के प्रभाव को कम करना और लिंगायत समुदाय की पकड़ मजबूत करना है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जारकिहोली खेमे से जुड़े कुछ नेता भी इस गुप्त बैठक में शामिल हुए हैं।
बैठक में डीसीसी बैंक चुनाव में जीत के माध्यम से जिले की राजनीति पर नियंत्रण कैसे स्थापित किया जा सकता है, इस पर भी चर्चा हुई है।
सभी नेताओं ने मिलकर रणनीति बनाई है कि एकता के साथ काम करते हुए जारकिहोली बंधुओं की राजनीतिक शक्ति को कैसे कमजोर किया जाए। नेताओं ने यह भी सुनिश्चित किया कि बैठक से जुड़ी जानकारी गोपनीय रखी जाए।
इसी बीच, सतीश जारकिहोली (कांग्रेस) और बालचंद्र जारकिहोली (भाजपा) अपने-अपने समर्थित उम्मीदवारों के लिए जोरदार प्रचार कर रहे हैं परन्तु लिंगायत नेताओं का यह गुप्त गठबंधन जारकिहोली बंधुओं के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
यह गुप्त बैठक बेलगावी की राजनीति में एक नया मोड़ लाई है, और अब सभी की नजरें डीसीसी बैंक चुनाव के परिणाम पर टिकी हुई हैं।