केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने लगाया आरोप
हुब्बल्ली. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि जब हम कहते हैं कि राज्य सरकार दिवालिया हो गई है तो मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को गुस्सा आता है परन्तु अब दूसरी बार अचल संपत्ति (प्रॉपर्टी) पंजीकरण शुल्क बढ़ाकर उन्होंने खुद ही दिवालियापन साबित कर दिया है।
शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जोशी ने कहा कि आम लोग जो छोटे मकान और अपार्टमेंट खरीदते हैं, उन पर शुल्क बढ़ोतरी का असर पड़ेगा।
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि जीएसटी का निर्णय राज्य सरकार के हाथ में नहीं है, इस बात को अब राज्य की जनता भी समझ चुकी है।
भ्रष्टाचार चरम पर
प्रल्हाद जोशी ने आरोप लगाया कि राज्य के तहसीलदार कार्यालय, उप-पंजीयन कार्यालय और परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। यहां के अधिकारियों को लोकायुक्त का भी डर नहीं रह गया है।
उन्होंने कहा कि ये अधिकारी बिना किसी भय और संकोच के खुलेआम पैसा खा रहे हैं। पहले अधिकारियों को लोकायुक्त का डर रहता था, परन्तु आज सरकार की सुरक्षा के भरोसे वे जनता को लूट रहे हैं। एजेंटों के जरिए वसूली बेशर्मी की हद तक पहुंच गई है।
सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार और उसे चलाने वालों को अब कोई शर्म और इज्जत नहीं बची। हम 5 किलो चावल दे रहे हैं, परन्तु ये लोग जनता से उसका श्रेय खुद ले रहे हैं। जनता को वास्तव में 5 किलो चावल भी नहीं दे पा रहे हैं। 22.5 रुपए प्रति किलो के हिसाब से चावल देने के लिए हम तैयार हैं, परन्तु इन्हें खरीदना संभव नहीं हो पा रहा है। राज्य सरकार पूरी तरह दिवालिया हो गई है।
उन्होंने कहा कि पांच गारंटी योजनाओं पर सरकार 58,000 करोड़ रुपए खर्च करने का दावा कर रही है परन्तु गारंटी के नाम पर ही राज्य की जनता से एक लाख करोड़ रुपए से अधिक विभिन्न टैक्स और शुल्क वसूल कर रही है। राज्य की आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है और वित्तीय अनुशासन पूरी तरह ढह गया है।
मुद्रांक शुल्क बढ़ोतरी का असर
जोशी ने कहा कि स्टांप शुल्क (मुद्रांक शुल्क) बढ़ोतरी का असर हर स्तर पर होगा। गरीब और मध्यम वर्ग के लोग अगर 1000 वर्ग फीट का छोटा घर भी बनाना चाहें, तो उन्हें आगे बड़ी परेशानी उठानी पड़ेगी।
