5 जिलों में सबसे अधिक स्टिल बर्थ
वर्ष 2024 में कर्नाटक में 9,91,879 शिशुओं का जन्म, जिनमें से 3,244 मृत शिशु (स्टिल बर्थ) पैदा हुए
स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का कारण बना यह आंकड़ा
राज्य के 12 जिलों में मृत शिशु जन्म दर औसत से अधिक
हावेरी, धारवाड़, चामराजनगर, गदग और मैसूरु शीर्ष पर
हुब्बल्ली. कर्नाटक के 12 जिलों में मृत शिशु (स्टिल बर्थ) जन्म की दर राज्य के औसत से अधिक होने के कारण स्वास्थ्य विभाग में चिंता का माहौल है। यह समस्या ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी और कस्बाई इलाकों में अधिक देखने को मिल रही है।
राज्य में प्रत्येक 1,000 प्रसव में से 3.41 स्टिल बर्थ हो रहे हैं। कुछ जिलों में यह अनुपात 9.30 तक पहुंच चुका है, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ा चिंता का विषय है।2024 के आंकड़े बताते हैं कि हावेरी जिले में सर्वाधिक मामले सामने आए हैं, उसके बाद धारवाड़, चामराजनगर, गदग, मैसूरु और बल्लारी का स्थान है।
यह समस्या अब केवल एक स्वास्थ्य विषय नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और मातृ-शिशु देखभाल प्रणाली के लिए एक नीति-स्तर की चुनौती बन चुकी है।
सरकार को शर्मिंदगी
स्टिल बर्थ की दर में वृद्धि ने सरकार के लिए मुश्किल हालात पैदा किए हैं। 2020 में जहां मैसूरु, चिक्कमगलूरु, बेंगलूरु ग्रामीण, बल्लारी और दावणगेरे जैसे जिलों में स्टिल बर्थ की संख्या बेहद कम थी, वहीं पिछले 2-3 वर्षों में इन जिलों में भी दर बढ़ गई है, जो एक चिंताजनक प्रवृत्ति है।
माताओं में पाई गई स्वास्थ्य समस्याएं
मधुमेह, उच्च रक्तचाप, रक्त का थक्का जमना, थायरॉइड, मोटापा, जुड़वां या उससे अधिक गर्भ, पिछली बार स्टिल बर्थ की हिस्ट्री, समयपूर्व प्रसव, गर्भधारण में अवरोध, धूम्रपान, शराब सेवन, नशीली दवाओं का प्रयोग, प्लेसेंटा से रक्त प्रवाह बाधित होना ये सभी कारक स्टिल बर्थ के जोखिम को बढ़ाते हैं।
–डॉ. उमा सुल्तानपुरी, प्रसूति विशेषज्ञ
बचाव के उपाय करना जरूरी
हावेरी, गदग और धारवाड़ में स्टिल बर्थ क्यों बढ़ रहे हैं, इस पर अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है। लोगों में जागरूकता फैलाना और बचाव के उपाय करना जरूरी है।
–दिनेश गुंडूराव, स्वास्थ्य मंत्री
वर्षवार तुलना
वर्ष — कुल जन्म — स्टिल बर्थ — ग्रामीण (प्रतिशत) — शहरी (प्रतिशत)
2020 — 9,88,143 — 73,326 — 221 (2.11) — 3,105 (5.24)
2024 — 9,91,879 — 3,244 — 99 (0.19) — 3,145 (7.18)
2015 में ग्रामीण स्टिल बर्थ दर 5.36 प्रतिशत और शहरी दर 4.07 प्रतिशत था। पिछले दशक में अब शहरी क्षेत्रों में स्टिल बर्थ की दर अधिक हो गई है।
2024 में स्टिल बर्थ के प्रमुख कारण
कारण — मामले
भ्रूण की धीमी वृद्धि — 239
प्रसव के समय सांस में दिक्कत — 368
जन्म के समय चोट — 518
श्रम कार्य में बाधा — 173
चिकित्सा गर्भपात — 13
स्वत: गर्भपात — 19
दुर्घटना, बुखार आदि 12
कुल — 3,244
गर्भवती महिलाओं के लिए सुझाव
-भ्रूण के पोषण के लिए संतुलित आहार लें
-स्वस्थ वजन और स्वच्छता बनाए रखें
-मानसिक तनाव से दूर रहें
-भ्रूण की गतिविधियों पर ध्यान दें, कोई बदलाव हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
-पीठ के बल सोने की आदत छोड़ दें
स्टिल बर्थ दर सबसे कम वाले उदाहरणीय जिले (प्रति 1,000 प्रसव पर)
जिला — स्टिल बर्थ दर प्रतिशत में
हासन — 0.74
कोप्पल — 0.86
यादगिरी — 1.00
शिवमोग्गा — 1.05
कोडगु — 1.22
यादगिरी जिले में 2023 में एक भी स्टिल बर्थ दर्ज नहीं हुआ।
स्टिल बर्थ दर सबसे अधिक वाले जिले (प्रति 1,000 प्रसव पर)
जिला — स्टिल बर्थ दर प्रतिशत में
हावेरी — 9.30
चामराजनगर — 7.24
धारवाड़ — 7.18
गदग — 7.18
मैसूरु — 6.63