दावणगेरे. जाति के अनुसार बने मठों से समाज दूषित हो रहा है कहकर विवादास्पद बयान देने वाले रंभापुरी स्वामी की पिछड़े और दलित मठाधीशों के संघ ने तीव्र शब्दों में निंदा की है।
यह बयान भद्रावती में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रंभापुरी स्वामी ने दिया था, जिसके बाद विभिन्न पिछड़े वर्गों और दलित मठों के प्रमुखों ने संयुक्त संवाददाता में इस पर कड़ा विरोध जताया।
मठाधीशों ने कहा कि रंभापुरी स्वामी को यह बयान सार्वजनिक रूप से वापस लेना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें इसका प्रमाण देना होगा। यदि वे ऐसी बातें दोहराते रहे, तो हम सभी दलित और पिछड़े वर्गों के मठाधीश राज्यभर में तीव्र आंदोलन छेड़ेंगे।
उन्होंने मांग की कि पंचपीठ के अंतर्गत आने वाले कई शाखा मठों ने अनुसूचित जातियों के नाम पर सरकारी अनुदान लिया है। उन्होंने कितना अनुदान प्राप्त किया है और उसका उपयोग कैसे किया गया इस बारे में सरकार को श्वेतपत्र जारी करना चाहिए।
संवाददाता सम्मेलन में कनक, वाल्मीकि, भोवी, यादव, मादार चन्नय्या सहित 15 से अधिक मठों के प्रमुखों ने भाग लिया था।