The morale of the system was weakened by arresting police officersहुब्बल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी।

चन्नागिरी लॉकअप में मौत, पुलिस स्टेशन दंगा
प्रल्हाद जोशी ने दिया नया आयाम
हुब्बल्ली. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि चन्नगिरी मामले में मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या, डीएसपी, सीपीआई को निलंबित कर पुलिस का मनोबल गिरा दिया है। ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री के इस रवैए को देखकर पुलिस को थाना छोडक़र भाग जाना चाहिए।
शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जोशी ने चन्नगिरी लॉकअप पर आपत्ति जताते हुए कहा कि न केवल मुसलमानों की ओर से, बल्कि किसी के भी ओर से पुलिस थाने पर पथराव कर दंगा करना निंदनीय है परन्तु इस मामले में, सीएम ने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई कर सिस्टम को कमजोर कर दिया है।”

जोशी ने कहा कि अपराध की पृष्ठभूमि के चलते पुलिस ने व्यक्ति को थाने ले कर उससे पूछताछ की है। उस दौरान व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हुई और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था परन्तु मुख्यमंत्री के आदेश पर डीवाईएसपी और सीपीआई को निलंबित करना कहां का न्याय है?

उन्होंने कहा कि हुब्बल्ली में नेहा की हत्या और अंजलि की हत्या के मामले में सीएम सिद्धरामय्या ने त्वरित कार्रवाई नहीं की परन्तु चन्नगिरी में त्वरित कार्रवाई क्यों की। चन्नगिरी लॉकअप मौत (डेथ) मामले को एक और आयाम दिया है।
जोशी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सिद्धरमय्या की सरकार राज्य में तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। इससे अराजकता फैल रही है, हमने सरकार को कई बार इस बारे में आगाह किया है। राज्य सरकार का रवैया यह है कि अल्पसंख्यक समुदाय दंगा करे तो किसी को भी उसकी निंदा नहीं करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि रामेश्वर कैफे मामले में भी यही किया है। नेहा, अंजलि की हत्या जैसी किसी भी घटना में त्वरित कार्रवाई नहीं की है। इसकी जांच होनी चाहिए परन्तु क्या ऐसा नहीं लगता कि केवल चन्नगिरी मामले में ही जांच होनी चाहिए।
जोशी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की है। डीवाईएसपी और सीपीआई को निलंबित किया है। इससे क्या पुलिस की ताकत कम नहीं होगी।
मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने मैसूर में प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि बिना एफआईआर के पुलिस का थाने में बुलाना गलता है, इस गलती के लिए पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है परन्तु यह लॉकअप में डेथ नहीं है, मृतक व्यक्ति को मिर्गी की बीमारी थी।

यह है घटना
चन्नगिरी पुलिस ने ओसी (मटका) कारोबार चलाने के आरोप में चन्नगिरी के टीपू नगर निवासी आदिल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार कर थाने ले आई थी। थाने लाए जाने के कुछ ही घंटों के भीतर वह बेहोश हो गया। उसे तुरंत स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, परन्तु आरोपी बच नहीं सका।

इससे नाराज हुए सौ से अधिक लोगों के उन्मादी समूह ने रात में अचानक थाने पर हमला बोल दिया। यह प्राकृतिक मौत नहीं, हवालात में हुई मौत है, कहकर आरोप लगाते हुए हिंसा पर उतारू हो गए थे।
उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। घटना के दौरान भीड़ ने थाने को काफी नुकसान पहुंचाया। 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं और 5 पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *