पिछड़ेपन के कारणों की पहचान कर अक्टूबर में सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्टकलबुर्गी में कर्नाटक क्षेत्रीय असंतुलन निवारण समिति की बैठक को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष प्रो. एम. गोविंदराव।

प्रो. एम. गोविंदराव ने दी जानकारी

कलबुर्गी. कर्नाटक क्षेत्रीय असंतुलन निवारण समिति के अध्यक्ष प्रो. एम. गोविंदराव ने कहा कि 35वें सूचकांक के आधार पर तैयार डॉ. डी. एम. नंजुंडप्पा आयोग की रिपोर्ट और सीडीआई सूचकांक के अनुसार धन आवंटन के बावजूद अपेक्षित विकास न होने के कारणों की पहचान की जाएगी। इन कारणों को सुधारने और असमानता दूर करने के लिए अक्टूबर में सरकार को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

कलबुर्गी में कर्नाटक क्षेत्रीय असंतुलन निवारण समिति की बैठक में प्रो. गोविंदराव ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, उद्योग और बुनियादी ढांचे जैसे 41 क्षेत्रों में अब तक के परिणामों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। 175 तालुकों में से उस समय 39 सबसे पिछड़े थे और पिछड़े तालुक केवल कल्याण कर्नाटक तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे राज्य में हैं, परन्तु कल्याण कर्नाटक अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक पिछड़ा है।

बैठक में उन्होंने केकेआरडीबी और विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि कल्याण कर्नाटक के अंतिम व्यक्ति की प्रति व्यक्ति आय और मानव विकास सूचकांक बढ़ाने के लिए 5 या 10 वर्षीय विजन योजना बनानी चाहिए, ताकि अगले वर्षों में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ठोस सुधार हो सके। केवल बुनियादी ढांचे पर पैसा खर्च करना पर्याप्त नहीं, बल्कि इसका असर लोगों की जिंदगी में स्पष्ट दिखना चाहिए।

बैठक के बाद समिति अध्यक्ष ने विभिन्न संगठनों से क्षेत्रीय विकास पर राय ली।

इस अवसर पर केकेआरडीबी अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह, समिति सदस्य संगीता कट्टिमनी, समिति सदस्य सचिव डॉ. आर. विशाल, प्रो. छाया देवगांवकर, जिलाधिकारी बी. फौजिया तरन्नुम, जिला पंचायत सीईओ भंवर सिंह मीना, कलबुर्गी महानगर निगम आयुक्त अविनाश शिंदे और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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