समाज सुधार और जनकल्याण में मठों की भूमिका सराहनीयधारवाड़ के मुरुघा मठ में आयोजित प्रवचन समापन समारोह को संबोधित करते हुए कानून मंत्री एच.के. पाटील।

धर्मस्थल क्षेत्र पर लगे आरोप झूठे, भक्तों को मिली राहत

कानून मंत्री एच.के. पाटील ने कहा

हुब्बल्ली. कानून मंत्री एच.के. पाटील ने कहा कि समाज और जनता के अभ्युदय के लिए राज्य के मठ श्रेष्ठ कार्य कर रहे हैं।
वे श्रावण मास के उपलक्ष्य में धारवाड़ के मुरुघा मठ में आयोजित प्रवचन समापन समारोह में बोल रहे थे।

मंत्री ने कहा कि भारत में अध्यात्म और धार्मिकता पर जितनी चर्चा होती है, उतनी किसी अन्य देश के विषय में नहीं होती। समाज सुधार करने के लिए पहले हमें स्वयं सुधरना होगा। सभी को आध्यात्मिकता की ओर रुचि बढ़ानी चाहिए। वचन साहित्य की परंपरा को बचाए रखने की दिशा में भी काम करना आवश्यक है।

मंत्री एच.के. पाटील ने धर्मस्थल क्षेत्र से जुड़े हालिया आरोपों को निराधार बताया और कहा कि भक्तों को अब यह स्पष्ट हो गया है कि क्षेत्र के संबंध में किए जा रहे संदेह झूठे हैं।

मनगुंडी गुरुबसव महामने के बसवानंद स्वामी ने कहा कि यदि बच्चों ने भूख और कठिनाई का अनुभव नहीं किया तो जीवन का सत्य समझ में नहीं आता। आज के जीवन में न सुख का सही मूल्य समझा जा रहा है, न परिश्रम और न ही दुर्गुण त्याग का आनंद अनुभव किया जा रहा है।

कार्यक्रम में हिरेमागडी विरक्त मठ के चन्नबसव स्वामी को गुरुवंदना अर्पित की गई। इसी अवसर पर शरण चरितामृत पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

मुरुघा मठ के मल्लिकार्जुन स्वामी, शोधकर्ता वीरण्णा राजूर, एस.बी. कोरी, शिवशंकर हम्पण्णवर और नागराज पट्टनशेट्टी उपस्थित थे।

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