दुनिया बुराइयों पर नहीं, अच्छाइयों पर टिकी है

भद्रावती. आचार्य विमल सागर सूरीश्वर ने कहा कि संसार अच्छाइयों और बुराइयों का मिलाजुला स्वरूप है। धर्मशास्त्रों ने अच्छाइयों को पुण्य और बुराइयों को पाप कहा है। जैनदर्शन ने पुण्य-पाप की तलस्पर्शी, तार्किक, विस्तृत व्याख्या की है। हम सभी को यह मानकर चलना होगा कि दुनिया बुराइयों पर नहीं, अच्छाइयों पर टिकी है।

भद्रावती के समीप हल्लीकेरे के कृषि प्रशिक्षण केंद्र में गुरुवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए जैनाचार्य ने कहा कि अच्छाइयां ही मानव जाति का प्राणतत्व है। जब तक हम अपनी बुराइयों को दूर नहीं कर लेते हैं, तब तक दु:ख-दर्द और परेशानियों से निजात नहीं पा सकते। हम सबकी यह कमजोरी हैं कि हम दुर्जनों को दूर करना चाहते हैं, परन्तु दुर्जनता को दूर करने के ठोस प्रयत्न नहीं करते। वैसे, दुर्जनों को मारना सरल है, परन्तु दुर्जनता और दुर्गुणों को दूर करना सरल नहीं है। देश और समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपराधियों को जेल में डाला जाता है, उन्हें सजा दी जाती हैं, कभी-कभी निकृष्ट अपराधियों के एनकाउंटर किए जाते हैं। ऐसी घटनाओं को लेकर राजनीति भी होती हैं, परन्तु सबसे अहम् सवाल यह है कि दुनिया से अपराध मिटेंगे कैसे? कोई अभावग्रस्त होने से अपराधी बनता है, कोई अन्याय से पीडि़त होकर अपराध का रास्ता चुनता है, परन्तु दुर्गुणों को बढ़ाना या अपराधी बन जाना किसी भी मनुष्य की समस्या का समाधान नहीं है।

उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने मनुष्य को नहीं, बल्कि दोषों-दुर्गुणों को दूर करने पर बहुत जोर दिया है। उनकी बातें कालजयी हैं। वे कहते हैं कि सम्यग्ज्ञान, साधुओं का सान्निध्य, सत्साहित्य, कल्याण मित्र और विवेक चक्षु मनुष्य जीवन की अधिकांश समस्याओं का समाधान दे सकते हैं, उसे दोषों-दुर्गुणों से मुक्त कर सकते हैं। दुष्टों-दुर्जनों के एनकाउंटर तो अक्सर होते आए हैं, पाप-वृत्तियों का एनकाउंटर हो जाए तो जीवन का समग्र स्वरूप बदल जाएगा। वह चमत्कार से कम नहीं होगा।
गणि पद्मविमल सागर ने विचार व्यक्त किया।

कर्नाटक में नक्सलवादियों का आत्मसमर्पण करवाने में सफलता प्राप्त कर चुके एंटी नक्सल फोर्स, कर्नाटक के पुलिस अधीक्षक जितेंद्रकुमार दायमा ने आचार्य विमल सागर सूरीश्वर से मुलाकात कर उनसे आशीर्वाद लिया।

इस अवसर पर नक्सलवाद की समस्या और लोगों की आपराधिक मानसिकता पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रथम रेंक से सफलता प्राप्त 2019 कैडर के आई.पी.एस. अधिकारी जितेंद्रकुमार मूलत: राजस्थान के सीकर जिले के निवासी हैं और यहां कर्नाटक में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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