19 सरकारी स्कूलों में नहीं हैं स्थायी शिक्षक!कविताल के समीप पातापुर सरकारी पूर्व प्राथमिक स्कूल में बच्चों को पढ़ाती अतिथि शिक्षिका।

अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं सरकारी स्कूल
सिरवार तालुक के बच्चों की शैक्षणिक प्रगति को लेकर अभिभावक चिंतित
रायचूर. सिरवार तालुक के चिक्कबादरदिन्नी, गंगानगर कैंप (74) और गुडदिन्नी गांव सहित 19 सरकारी पूर्व प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम एक स्थायी शिक्षक भी नहीं है! सरकारी स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं और अभिभावक बच्चों की शैक्षणिक प्रगति को लेकर चिंतित हैं।
सेवा में स्थित सभी स्थायी शिक्षकों का हालही में तबादला होने से दूसरे जिलों में जा चुके हैं। इसके चलते अतिथि शिक्षकों को स्कूल में पाठ, खेल और मिड डे मील प्रबंधन सहित सभी कार्य करने की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

बच्चों की शैक्षिक प्रगति कैसे संभव होगी
अभिभावकों का कहना है कि ज्यादातर सरकारी स्कूलों में गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सरकार मिड डे मील, पोषण बढ़ाने की खातिर अंडा, केला और मूंगफली की चिक्की दे रही है परन्तु स्थायी शिक्षक नहीं होने से स्कूलों में बच्चों की शैक्षिक प्रगति कैसे संभव हो सकती है।

अतिथि शिक्षक की नियुक्ति
पातापुर गांव के सरकारी पूर्व प्राथमिक विद्यालय में 101 बच्चे पढ़ते हैं। तीन स्थायी शिक्षकों का तबादला कर दिया गया है। वर्तमान में तीन अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे हैं। गुडदिन्नी गांव के स्कूल में 30 बच्चे हैं। यहां के एक शिक्षक का हाल ही में तबादला हो गया है और उनके स्थान पर अतिथि शिक्षक की नियुक्ति की गई है।

शून्य स्थाई शिक्षक विद्यालय
तालुक के अत्तनूर गांव के जनता कॉलोनी, नडुगड्डे कैंप, बागलवाड़ की वाल्मिकी नगर स्कूल, , शिवनगर कैंप, कुरकुंद क्रॉस, बोम्मसनदोड्डी, बुद्दिनी, वडवट्टी क्रॉस, बल्लटगी टांडा, डॉक्टर कैंप, के. गुडदिन्नी कैंप, चागबावी कैंप, गड्डेरायन कैंप, कडदिन्नी कैंप, बुल्लापुर, बसवेश्वर कैंप स्कूल शून्य स्थाई शिक्षक विद्यालय की सूची में शामिल हैं।

एसएसएलसी परिणाम बढ़ाने के लिए संघर्ष करना होगा
नाम न छापने की शर्त पर एक हाई स्कूल शिक्षक ने कहा कि हाल ही में 8वीं कक्षा में एडमिशन लेने आए छात्रों से जब कन्नड़ में अपना नाम, पता और कुछ शब्द लिखने को कहा गया तो कुछ बच्चे लिख नहीं पाए। उच्च विद्यालयों में साक्षरता के साथ पढ़ाई शुरू करने की जरूरत है। शिक्षकों की कमी के कारण सीखने की गुणवत्ता में और गिरावट अधिक आती है, तो हमें एसएसएलसी परिणाम बढ़ाने के लिए संघर्ष करना होगा।

शिक्षक की नियुक्ति के लिए कदम उठाएं

शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। अधिकारियों को कम से कम एक शिक्षक की नियुक्ति के लिए कदम उठाना चाहिए।
– के. मौनेश, एसडीएमसी अध्यक्ष, पातापुर

इनका कहना है

जहां स्थायी नहीं हैं वहां समीप के स्कूल के एक शिक्षक को मानद सेवा के तौर पर तैनात किया जाएगा।
-चंद्रशेखर दोडमनी, क्षेत्र शिक्षा अधिकारी, मानवी

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