मंत्री संतोष लाड ने किया स्पष्ट
हुब्बल्ली. श्रम एवं धारवाड़ जिला प्रभारी मंत्री संतोष लाड ने कहा कि केपीसीसी सदस्य डॉ. रवींद्र का कांग्रेस पार्टी में पैसे देने पर टिकट देने का आरोप केवल उनकी व्यक्तिगत राय है।
धारवाड़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए केपीसीसी महासचिव पद के लिए मंड्या के डॉ एचएन रवींद्र के इस्तीफे के संबंध में विपक्षी नेता आर अशोक की ओर से की गई आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।
लाड ने प्रत्याशियों से पैसे लेने का आरोप लगाया है परन्तु ऐसा कुछ नहीं है। यह संस्कृति हमारी पार्टी में नहीं है। हमारी पार्टी पहले ही गरीबों की पार्टी है, जबकि भाजपा कुबेरों (धनवानों) की पार्टी है। उनके पास पैसा है, हमारा पैसा कहां है? 100 करोड़ देकर टिकट लेने वाला हमारी पार्टी में कोई भी नहीं है। हम सभी गरीब हैं। यहां किसी को टिकट के लिए पैसा देने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि महादयी कार्यकर्ताओं की चेतावनी दी है कि महादयी विवाद का समाधान नहीं होने पर अम्मिनबावी का जैकवेल बंद कर देंगे। किसानों का संघर्ष है, उनकी राय का हम सम्मान करते हैं। इस मामले पर मुख्यमंत्री ने पहले ही सफाई दे चुके हैं। हम केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति के बिना काम नहीं कर सकते। यह काम केंद्र सरकार को करना चाहिए। इस वास्तविकता को बताने पर राजनीति कहते हैं। इसकी अनुमति के मिलने से पहले ही भाजपा ने विजयोत्सव मनाने के अलावा भाजपा की सरकार सत्ता में थी तब महादयी का जश्न मनाया है। अनुमति मिले बिना जश्न मनाने की क्या जरूरत थी? केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मिलते ही हम निश्चित तौर पर काम शुरू करेंगे।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही मंड्या क्षेत्र में असंतोष भडक़ उठा है। कांग्रेस पार्टी की ओर से उद्यमी स्टार चंद्रु को टिकट देने के निर्णय पर आपत्ति जताई है। एचएन रवींद्र समेत कई पदाधिकारियों ने इस्तीफा सौंपा था। इस पर विपक्षी नेता आर अशोक ने मजाक उड़ाया था कि कांग्रेस पार्टी ने पैसे के लिए बड़े घरानों को लोकसभा टिकट दिए है और कार्यकर्ताओं को चूना लगाया है। वहां के भ्रष्टाचार के कारण केपीसीसी के महासचिव का खुद इस्तीफा देना वहां के भ्रष्टाचार का प्रमाण है। कुल मिलाकर कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाएगी यह गारंटी है।
मनरेगा मजदूरोंं की मजदूरी जारी करने के मुद्दे पर लाड ने कहा कि राज्य में 1400 करोड़ रुपए का भुगतान लंबित है। इसे केंद्र सरकार को देना चाहिए, केंद्र सरकार पैसा नहीं दे रही है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। चार लाख परिवारों ने एक सौ मानव दिवस तक काम किया है। उन्हें और अधिक काम देना चाहिए। सूखे के कारण लोग पलायन कर रहे हैं। अब तक केंद्र से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।
