गड्ढों और धूल से भरी हैं मुख्य सडक़ें
सोमवार और शुक्रवार को लोगों और वाहनों का आवागमन अधिक
गदग. लक्ष्मेश्वर के नए तालुक की घोषणा के एक दशक बाद भी, कस्बे में अभी भी पक्की सडक़ों का अभाव है। जनता को उम्मीद थी कि तालुक घोषणा के बाद शहर में सुधार आएगा परन्तु लक्ष्मेश्वर के लोगों की इस उम्मीद पर पानी फिरा है।
शहर की मुख्य सडक़ें अभी भी गड्ढों और धूल से भरी हुई हैं।
यहां के पदगट्टी से पुराने बस स्टैंड को जोडऩे वाली मुख्य सडक़ को आठ साल पहले चौड़ा किया गया था। उस समय सडक़ के दोनों ओर के मकान और दुकानें हटाई गई थीं परन्तु इतने वर्षों बाद भी नगर पालिका नई सडक़ नहीं बना पाई है। इससे पूरी सडक़ कच्ची सडक़ जैसी दिखने लगती है। प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को इस सडक़ पर लोगों और वाहनों का भारी आवागमन रहता है।
लोगों का यहां घूमना मुश्किल हो गया है
दो सप्ताह पहले नई पाइपलाइन बिछाने के लिए सडक़ खोदी गई है। पाइप लाइन का काम पूरा होने के बाद खोदे गए गड्ढों को ठीक से बंद करना था परन्तु कुछ जगह पर ठीक से बंद नहीं किया है। इसके चलते लोगों का यहां घूमना मुश्किल हो गया है।
समस्या के समाधान को आगे नहीं आया नगर पालिका
मात्र 270 मीटर लंबी सडक़ पर कदम-कदम पर गड्ढे बने हुए हैं। सडक़ के दोनों ओर दर्जनों दुकानें और मकान हैं, यहां तक कि एक छोटा वाहन भी गुजरता है, तो धूल आसमान की ओर उडऩे लगती है। बरसात के मौसम में सडक़ों की स्थिति और भी खराब हो जाती है परन्तु नगर पालिका मात्र समस्या के समाधान के लिए आगे नहीं आया है।
काम अभी तक पूरा नहीं हुआ
स्थानीय निवासी शक्ति कट्टी ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे घर के सामने की सडक़ पूरी तरह से नष्ट हो गई है। नगर पालिका अधिकारियों ने दो-तीन साल पहले कहा था कि सडक़ बन जाएगी परन्तु वह काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
सडक़ निर्माण कार्य कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगा
सोमेश्वर पदगट्टी से पुराने बस स्टैंड तक सडक़ निर्माण के लिए सडक़ के दोनों ओर नालियों का निर्माण कर बिजली के खंभों को दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया है। सडक़ निर्माण कार्य कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगा।
–महेश हड़पद, मुख्य अधिकारी, नगर पालिका, लक्ष्मेश्वर