मस्की में खुदाई के दौरान मिले प्राचीन अवशेष
रायचूर. रायचूर जिले के मस्की कस्बे के मल्लिकार्जुन पहाड़ी और आंजनेय स्वामी मंदिर के आसपास की गई खुदाई में करीब चार हजार साल पुराने मानव बस्ती से संबंधित अवशेष मिले हैं।
मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक के अभिलेख की खोज से रायचूर जिला पहले ही ऐतिहासिक ख्याति प्राप्त कर चुका है। अब इसी मस्की में हुई हालिया खोज ने यह संकेत दिया है कि यहां प्राचीन काल में (4000 वर्ष पूर्व) मानव बस्ती विद्यमान थी, जिससे मस्की का इतिहास हजारों वर्ष पीछे चला गया है।
अमरीका, कनाडा और भारत के कुल 20 शोधकर्ताओं की टीम ने मस्की के मल्लिकार्जुन पहाड़ी, बयलु आंजनेय मंदिर और अन्य क्षेत्रों में खुदाई की। इस दौरान उन्हें प्राचीन मानव बस्ती होने के प्रमाण मिले हैं। खुदाई में कई कलात्मक वस्तुएं, उपकरण, और विकसित बस्ती होने के संकेत प्राप्त हुए हैं।
खुदाई में क्या-क्या मिला?
मस्की कस्बे की पहाड़ी में कुल 271 स्थलों की पहचान कर खुदाई की गई। इस दौरान 11वीं से 14वीं शताब्दी तक के आम लोगों के जीवन स्तर, खान-पान की आदतों आदि का अध्ययन किया गया है। खुदाई के दौरान उस काल के लोगों की ओर से उपयोग की गई वस्तुएं, मिट्टी और पत्थर से बने घर, मिट्टी के बर्तन, और मिट्टी के पात्रों में रखे गए जले हुए खाद्य-अनाज प्राप्त हुए हैं।
इस खुदाई का नेतृत्व भारत के दिल्ली एनसीआर स्थित शिव नाडर, अमरीका मूल के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. एंड्रयू एम. बॉयर, और कनाडा के मैकगिल विश्वविद्यालय के डॉ. पीटर जी. जोहानसेन ने किया। यह शोध टीम पिछले तीन महीनों से मस्की में खुदाई कार्य में लगी हुई थी। इस शोध में नागरिकता के संकेतों का पता लगाने के कार्य किया है।
इस अभियान को शुरू करने से पहले टीम ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से विधिवत अनुमति प्राप्त की थी। उन्होंने ईसा पूर्व 11वीं से 14वीं शताब्दी तक यहां मानव निवास होने के प्रमाण खोजे हैं। साथ ही, उस समय के लोगों का जीवन स्तर भी उन्नत था, यह भी सामने आया है। यह शोध अभियान अभी जारी है और उम्मीद की जा रही है कि आगे और भी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी सामने आएगी।
