हावेरी और राणेबेन्नूर के नागरिकों में बढ़ी चिंता
केपीसीबी की रिपोर्ट में खुलासा
सीधे पीने योग्य नहीं, शुद्धिकरण प्रक्रिया में गंभीर खामियां
हावेरी. हावेरी और राणेबेन्नूर जिलों में रहने वाले हजारों नागरिकों के लिए तुंगभद्रा नदी का दूषित पानी अब गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केपीसीबी) की ओर से नदी के 14 प्रमुख बिंदुओं पर किए गए परीक्षणों में यह स्पष्ट हुआ है कि नदी का पानी सीधे पीने या घरेलू उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं है।
पानी की आपूर्ति और सफाई की स्थिति
हावेरी और राणेबेन्नूर शहरों में पानी की आपूर्ति मुख्य रूप से तुंगभद्रा नदी और हेग्गेरी झील से होती है। यह पानी जिला स्टेडियम के पास स्थित शुद्धिकरण इकाई में प्रोसेस किया जाता है। लेकिन कई बार सफाई प्रक्रिया में बाधा आने या बिना शुद्धिकरण के ही पानी आपूर्ति होने की शिकायतें सामने आई हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तुंगभद्रा नदी के पानी की गुणवत्ता पर उठे सवालों और शुद्धिकरण प्रक्रिया की खामियों ने हावेरी और राणेबेन्नूर के नागरिकों को चिंता में डाल दिया है। स्थानीय प्रशासन और नगर पालिका को चाहिए कि वे शुद्धिकरण इकाइयों की निगरानी, तकनीकी सुधार और जल गुणवत्ता परीक्षण को प्राथमिकता दें, ताकि नागरिकों को सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा सके।
स्थानीय निवासी मल्लिकार्जुन ने कहा कि हर 10 से 15 दिन में पानी आता है, लेकिन उसका रंग और गंध देखकर डर लगता है। क्लोरीन मशीन खराब रहती है और ब्लिचिंग पाउडर का इस्तेमाल भी समय पर नहीं होता।
पशुओं के लिए भी यही पानी
यह पानी केवल इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि पशुओं के लिए भी मुख्य स्रोत है। हावेरी, राणेबेन्नूर, ब्याडगी और हिरेकेरूर तालुकों के कई गांव इसी पानी पर निर्भर हैं। रिपोर्ट के बाद किसानों और पशुपालकों में भी चिंता बढ़ गई है।
पर्यावरण अधिकारी राजशेखर पुराणिक ने बताया कि तुंगभद्रा नदी के पानी की मासिक जांच जारी है। यह स्पष्ट हो गया है कि इसे सीधे पीना सुरक्षित नहीं है। केवल उचित शुद्धिकरण के बाद ही यह पानी उपयोग योग्य है। हावेरी में तुंगभद्रा नदी से आपूर्ति हो रहा पानी सीधे पीने योग्य नहीं है, शुद्धिकरण पर ध्यान देने की जरूरत है।
