सिंथेटिक मैदान से वंचित उत्तर कन्नड़ जिलासिरसी के जिला मरिकम्बा खेल मैदान में आयोजित खेल प्रतियोगिता के दौरान एक खिलाड़ी फिसलकर गिर गई।

रविंद्र नायक ने जताई नाराजगी

सिरसी. स्पंदना स्पोट्र्स अकादमी के अध्यक्ष रविंद्र नायक ने कहा कि राष्ट्रीय खेल नीति के तहत उत्तर कन्नड़ जिले को सिंथेटिक खेल मैदान से वंचित रखा गया है, जो बेहद खेदजनक है।

उन्होंने कहा कि राज्य का सबसे बड़ा क्षेत्रफल रखने वाला सिरसी का जिला मरिकांबा खेल मैदान प्रसिद्ध है। इसके बावजूद, भौगोलिक रूप से छोटे जिले जैसे – कोडगु, उडुपी, गदग, कोप्पल, हावेरी, बीदर, कोलार, विजयनगर, बल्लारी, चिक्कबल्लापुर, चिक्कमगलूर आदि में सिंथेटिक खेल मैदान उपलब्ध हैं। यहां तक कि उत्तर कर्नाटक के अधिकांश मैदानी जिलों में भी मैदान बने हैं, परंतु अत्यधिक वर्षा वाले मलेनाड व तटीय क्षेत्र वाले उत्तर कन्नड़ को अब तक नजरअंदाज किया गया है।

खिलाडय़िों की समस्याएं

रविंद्र नायक ने कहा कि मारिकांबा मैदान में सिंथेटिक ट्रैक, प्रशिक्षक व आधुनिक उपकरणों की कमी है। मैदान में सुरक्षा व्यवस्था नहीं, जगह-जगह झाड़-झंखाड़ उग आए हैं। प्रकाश व्यवस्था अपर्याप्त है। बारिश के मौसम में ट्रैक कीचड़ के दलदल में बदल जाता है, जिससे खिलाडिय़ों को कठिनाई होती है।

उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली खिलाड़ी जिले में मौजूद हैं, परन्तु सरकार की सुविधाओं और प्रोत्साहन की कमी से वे वंचित रह रहे हैं। खेल वर्ष की शुरुआत में ही बारिश का सामना करना पड़ता है, ऐसे में आधुनिक और सुसज्जित खेल मैदान अनिवार्य है।

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