बिना एफसी के दौड़ रहे वाहनशिवमोग्गा का आरटीओ कार्यालय।

आरटीओ ने शुरू किया तलाशी अभियान

शिवमोग्गा. यहां क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के अधिकार क्षेत्र में बिना फिटनेस सर्टिफिकेट (एफसी) के चलने वाले वाहनों की संख्या में वृद्धि हुई है। इससे परिवहन विभाग परेशान है और संयुक्त परिवहन आयुक्त ने उन्हें पकडऩे के लिए एक विशेष टीम गठित की है। सोमवार से ही तलाशी अभियान शुरू किया है।

क्या है एफसी

राज्य में किसी भी वाहन को पंजीकरण की तिथि से 15 वर्ष तक ही चलने की अनुमति है। इसके बाद, संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की ओर से वाहन का निरीक्षण किया जाता है ताकि यह देखा जा सके कि वह अच्छी स्थिति में है और चलाने के लिए उपयुक्त है इस बारे में पुष्टि होने के बाद फिर से अगले पांच वर्षों के लिए अनुमति (एफसी) प्राप्त करनी होगी परन्तु निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी कई वाहन अभी भी एफसी प्राप्त किए बिना चल रहे हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों के लिए यह सिरदर्द बन गया है।

कोई बीमा नहीं मिलेगा

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) मुरुगेंद्र शिरोलकर का कहना है कि बिना एफसी वाले वाहनों को दुर्घटना में क्षतिग्रस्त होने या चालक की मृत्यु होने पर कोई बीमा नहीं मिलेगा। यदि दुर्घटना में दूसरा पक्ष घायल हो जाता है, वाहन क्षतिग्रस्त हो गया हो तो उसे लाखों रुपए का मुआवजा अपनी जेब से देना पड़ेगा। यदि मुआवजा नहीं दे पाने पर अदालत के आदेश देने पर जेल की सजा हो सकती है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वाहन अच्छी स्थिति में नहीं हैं और बिना एफसी के चल रहे हैं तो उनके दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है। इससे हुई जान-माल की हानि के लिए कौन जिम्मेदार है? यदि निर्धारित अवधि के भीतर एफसी प्राप्त नहीं की गई तो वाहन का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।

1,150 मामले दर्ज

हम पिछले साल से 20 साल पहले पंजीकृत वाहनों की जांच कर रहे हैं। हमने बिना एफसी के 1,150 वाहनों की पहचान कर उन पर जुर्माना भी लगाया है। जिन वाहनों को एफसी नहीं मिला है उनमें से कई वाहन पहले से ही कबाड़ हो चुके हैं। या फिर निरीक्षण के दौरान पाया गया कि यह चालू नहीं है। 2,916 कारें एफसी बननी चाहिए थीं, उनमें से 1,712 फिलहाल चल नहीं रही हैं।

कर्मचारियों की कमी, अभियान को झटका

आरटीओ का कहना है कि कार्यालय में कर्मचारियों की कमी के कारण 15 वर्ष से अधिक पुराने और एफसी प्राप्त नहीं करने वाले वाहनों के निरीक्षण और जब्ती में बाधा उत्पन्न हो रही है। यद्यपि शिवमोग्गा कार्यालय में कुल 47 स्वीकृत पद हैं, परन्तु केवल 12 लोग ही कार्यरत हैं। इंस्पेक्टर के 7 पद हैं, जो सभी रिक्त हैं। सागर आरटीओ कार्यालय निरीक्षक सागर और शिवमोग्गा दोनों तरफ काम कर रहे हैं। इससे अभियान में समस्या उत्पन्न हो गई है। हमने बिना एफसी के आठ स्कूल वाहनों के प्रधानाचार्यों को कॉल कर जानकारी दी है और आरसी रद्द करने की चेतावनी दी है। हमने वैधता समाप्त हो चुके वाहनों के मालिकों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

एफसी में आवेदन करने पर प्रतिक्रिया दी जाएगी

आरटीओ ने वाहन मालिकों से अपील की है कि एफसी नहीं है या 15 साल की समय सीमा नजदीक आ रही है, तो तुरंत आरटीओ कार्यालय से संपर्क करना चाहिए। निर्धारित शुल्क का भुगतान करने के बाद मलवगोप्पा कार्यालय में वाहन ले जाने पर उसका निरीक्षण कर एफसी जारी किया जाएगा। किसी भी कारण से देरी नहीं होगी। एफसी प्राप्त करने के लिए कार और जीप सहित हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) का शुल्क 7000 रुपए है और दोपहिया वाहनों के लिए 2200 तथा मालवाहक वाहनों (जिसमें ट्रक और बसें शामिल हैं) के लिए 800 रुपये का भुगतान करना होगा। अवधि समाप्त होने पर भी एफसी नहीं किया गया है तो दोपहिया वाहनों के लिए मासिक 300 और एलएमवी के लिए 500 रुपए का जुर्माने का भुगतान करना होगा। बड़े वाहनों के लिए 300 रुपए का जुर्माना लगेगा।

अभियान शुरू किया है

एफसी समाप्त हुए वाहनों को ढूंढने के लिए संयुक्त आयुक्त की ओर से गठित दस्ते ने अभियान शुरू किया है। ऐसे वाहनों का पता लगाने के लिए पत्र लिखकर पुलिस की सहायता मांगी जाएगी।
मुरुगेन्द्र शिरोलकर, आरटीओ, शिवमोग्गा

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