अभिभावकों में चिंता
हुब्बल्ली. जिले में पिछले दो-तीन सप्ताह से लगातार बारिश होने से मौसम ठंडा हो गया है। इसके चलते सर्दी, खांसी और वायरल बुखार के मामले बढ़ रहे हैं। खासकर बच्चों में बुखार अधिक देखा जा रहा है, जिससे अभिभावक चिंतित हैं।
डॉक्टरों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में बुखार से अस्पताल आने वाले बच्चों की संख्या 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है। ठंड और धूप के बीच मौसम का असंतुलन वायरस को बढ़ा रहा है। हवा, पानी और भोजन के माध्यम से संक्रमण फैल रहा है और बच्चे बीमार पड़ रहे हैं।
धारवाड़ जिला अस्पताल, केएमसी-आरआई अस्पताल और महानगर निगम के चिटगुप्पी अस्पताल में रोजाना ओपीडी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में भी सुबह से शाम तक लंबी कतारें देखी जा रही हैं। कई जगह मरीजों का नाम 2-3 दिन पहले से ही पर्ची में दर्ज करवाना पड़ रहा है।
केएमसी-आरआई अस्पताल को बेटी को लाई आनंदनगर की सीताबाई हीरण्णवर ने कहा कि मेरी 8 साल की बेटी को पहले सर्दी हुई, फिर बुखार और उल्टी-दस्त शुरू हो गया। इलाज कराया परन्तु 12 दिन बाद भी बुखार और सर्दी कम नहीं हुई।
एक डॉक्टर ने बताया कि यह कोविड नहीं है परन्तु इसके लक्षण मिलते-जुलते हैं और यह एक से दूसरे को तेजी से फैलता है। यह बरसात में सामान्य वायरल बुखार है, दवा से ठीक हो जाता है। घबराने की जरूरत नहीं है।
बच्चों में संक्रामक रोग जल्दी पकड़ लेते हैं
केएमसी-आरआई अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजशेखर द्याबेरी ने कहा कि बच्चों के वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। तेज बुखार से पीडि़त बच्चों को सलाइन लगाया जा रहा है और कुछ को 1-2 दिन भर्ती कर इलाज के बाद छुट्टी (डिस्चार्ज) दी जा रही है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से संक्रामक रोग जल्दी पकड़ लेते हैं।
समय पर इलाज लें
बरसात में सामान्यत: सर्दी-बुखार फैलता है। लापरवाही न करें और समय पर इलाज लें।
–एस.एम. होनकेरी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, धारवाड़
लोग उपचार करा रहे हैं
इस साल डेंगू और मलेरिया जैसे संक्रामक रोग कम हैं परन्तु बुखार और वायरल संक्रमण के मामले ज्यादा हैं और लोग उपचार करा रहे हैं।
-डॉ. ईश्वर आर. होसमनी, निदेशक, केएमसीआरआई
बचाव के उपाय
-सर्दी, बुखार के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
-बारिश में भीगने से बचें, छाता या रेनकोट का उपयोग करें।
-उबला हुआ पानी पिएं।
-सब्जियों और फलों को धोकर ही खाएं।
-मच्छरदानी और मच्छर नियंत्रण साधन का उपयोग करें।
-घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
-घर का बना गर्म भोजन खाएं।
-ठंड से बचने के लिए गरम कपड़े पहनें।
-संक्रमण रोकने के लिए हाथ साबुन से धोएं।
