देशी-विदेशी जहाजों पर पैनी नजर
यहीं से 24 घंटे रखी जाएगी नजर
मेंगलूरु. पश्चिमी तट पर सबसे गहरे अंतर्देशीय बंदरगाह और भारत में सबसे बड़े एलपीजी हैंडलिंग बंदरगाह नवमेंगलूरु बंदरगाह (एनएमपीए) में अब अधिकतम सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है, जिसके लिए एक अच्छी तरह से सुसज्जित “वॉचटावर” बनाया गया है।
वर्तमान में, एनएमपीए के पास एक वॉचटावर है, परन्तु यह बंदरगाह के सभी हिस्सों की निगरानी करने में सक्षम नहीं है और आकार में छोटा है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने बताया था कि नवमेंगलूरु बंदरगाह के कुछ क्षेत्रों में कुछ लोगों के अनावश्यक और अनधिकृत प्रवेश की संभावना पर नजर रखने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। तदनुसार, अब एक नया “वॉच टावर” बनाया गया है।
24 घंटे सुरक्षा पर नजर
एनएमपीए के अधिकारियों ने बताया कि यहां के उत्तरी ब्रेकवाटर, सुरक्षा परिसर और आस-पास के क्षेत्र एक साथ एक स्थान पर दिखाई नहीं दे रहे थे। इसके चलते यह सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती थी। यह बात सुरक्षा अधिकारियों के ध्यान में लाई गई थी। तदनुसार, एक विशेष टावर का निर्माण किया गया है। यहां से 24 घंटे सुरक्षा पर नजर रखी जाती है।
उद्योगों को लिए एनएमपीए बना कड़ी
नवमेंगलूरु बंदरगाह एमआरपीएल, एमसीएफ, कुद्रेमुख, बीएएसएफ, एचपीसीएल, पडुबिदिरे के अडानी समेत कई बड़े, मध्यम और छोटे उद्योगों के माल परिवहन का मुख्य केंद्र है। यहां से कच्चे माल का आयात और निर्यात होता है। इसके चलते, देश-विदेश से बड़ी संख्या में जहाज माल लेकर एनएमपीए पहुंचते हैं। यहां से खाद्यान्न, तेल उत्पाद, ग्रेनाइट चट्टानें निर्यात की जाती हैं। कच्चा तेल, लकड़ी, सीमेंट, कोयला, खाद्य तेल, काजू और अन्य सामग्री इस बंदरगाह के माध्यम से आयात की जाती है। यहां देश-विदेश से यात्री भी आते हैं।
वॉच टावर क्या है?
सुरक्षा कर्मियों को जहाजों के आगमन और प्रस्थान पर नजर रखने की सुविधा के लिए ऊंचाई पर वॉच टावर बनाया गया है। यहां सीसीटीवी कैमरे की सभी फुटेज उपलब्ध होंगे। टावर से बंदरगाह के चारों तरफ तकनीकी व्यवस्था से नजर रखना संभव है। साथ ही, नवमेंगलूरु बंदरगाह की सीमा के भीतर होने वाली हर गतिविधि पर यहां से नजर रखी जाती है। इसके जरिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होती है। सीआईएसएफ के जवान इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
एनएमपीए के लिए ड्रोन से निगरानी
सरकार की ओर से देश के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए जाने के बाद तट पर सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक एनएमपीए में विशेष सुरक्षा निगरानी की जा रही है। साथ ही यहां ड्रोन के जरिए निरीक्षण भी किया जा रहा है। एनआईटीके के माध्यम से एनएमपीए की ओर से हस्ताक्षरित समझौते के अनुसार ड्रोन के जरिए नियमित सुरक्षा निरीक्षण किया जा रहा है। यहां जहाजों के आने-जाने और नावों या लोगों की अनावश्यक आवाजाही पर ध्यान दिया जा रहा है।