एहतियाती कदम उठाने को तैयार प्रशासन
सिरसी. पिछले वर्ष भारी बारिश के बावजूद नहरों में पानी का प्रवाह पहले ही घटा है, जिससे तालुक के विभिन्न गांवों को गर्मियों में पेयजल की कमी का सामना करना पड़ सकता है। इसके चलते 30 गांवों की सूची तैयार की गई है और प्रशासन एहतियाती कदम उठाने का फैसला लिया है।
गर्मियां शुरू होते ही तालुक के विभिन्न गांवों में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाती है। अप्रेल और मई के गर्मियों के महीनों के दौरान, नदियां और भी अधिक सूख जाती हैं तथा भूजल स्तर गिर जाता है, जिससे लोगों और पशुओं के लिए पीने के पानी की कमी हो जाती है। इस कारण एहतियाती उपाय के तौर पर अधिकारियों ने पानी की कमी वाले क्षेत्रों की सूची तैयार कर ली है और वैकल्पिक व्यवस्थाएं तैयार करनी शुरू कर दी हैं।
30 गांवों, बस्तियों की सूची तैयार कर जिला पंचायत को भेजी
ग्राम प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार गर्मियों के दौरान, अर्ध-मैदानी इलाके के मौसम वाले बनवासी होबली (राजस्व केंद्र) में हजारों घरों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में झीलें और कुएं जैसे जल स्रोत सूख जाते हैं। कुछ गांवों में नहर और नदियां सूख जाती हैं। जिला पंचायत इन गांवों में स्थानीय लोगों को ग्राम पंचायतों के जरिए टैंकरों के माध्यम से या नई पाइपलाइन बिछाकर पानी की आपूर्ति करेगी। प्रशासन ने इस वर्ष भी इसी प्रकार की कार्रवाई करने का फैसला किया है। इसलिए इस वर्ष पानी की कमी का सामना कर सकने वाले संभावित 9 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले 30 गांवों और बस्तियों की सूची तैयार कर जिला पंचायत को भेजी गई है।
ध्यान दे प्रशासन
स्थानीय निवासी ज्योति गौड़ा ने कहा कि हर साल, तालुक के बंडल और मंजुगुणी सहित विभिन्न गांवों के स्थानीय लोगों को गर्मियों के दौरान पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। विभिन्न स्थानों पर स्थापित टैंकों के सामने दर्जनों लोग कतारों में खड़े दिखाई देते हैं। इसलिए प्रशासन को ऐसे क्षेत्रों पर भी ध्यान देना चाहिए।
पाइपलाइन बिछाई जाएगी
एक पीडीओ ने बताया कि गर्मियों में पेयजल उपलब्ध कराने वाले किसानों की सूची तैयार की जा रही है। कुछ गांवों में ट्यूबवेल खोदने की जरूरत है। कुछ गांवों में पहले से मौजूद पुराने ट्यूबवेलों के जल स्तर की जांच कर पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
निजी बोरवेल के मालिकों से किए जा रहे समझौते
पिछले वर्ष, उन ग्राम पंचायतों को पानी की आपूर्ति करने में कई कठिनाइयां आईं, जिन्हें संभावित पेयजल समस्या वाले के तौर पर चिन्हित किया गया था। इस बार वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए अग्रिम तैयारी को प्राथमिकता दी गई है। अंडगी ग्राम पंचायत क्षेत्र के हेब्बत्ती और पारसी गांवों के ट्यूबवेलों का पानी पहले ही दूषित हो चुका था और उपयोग के लिए अनुपयुक्त था। इस कारण स्थानीय पंचायत की ओर से पानी की व्यवस्था की जा रही है। इसी तरह कई जगहों पर किसानों और निजी बोरवेल के मालिकों के साथ समझौते किए जा रहे हैं।
–सतीश हेगड़े, कार्यकारी अधिकारी, तालुक पंचायत