Water emergency for half the state,आधे राज्य के लिए जल आपातकाल

150 तालुकों के हजार गांवों में उपजा जल संकट
चारे की भी कमी
आपातकालीन निगरानी के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश
चित्रदुर्ग. सूखे से जूझ रहे कर्नाटक के 150 तालुकों में हालात काफी खराब हो गए हैं, अगर जल्द ही राज्य भर में अच्छी बारिश नहीं हुई तो हजारों गांवों में पीने के पानी के लिए हाहाकार शुरू हो जाएगा।
इसके चलते राज्य सरकार ने अगले 15 दिनों तक अपने-अपने जिलों में पीने के पानी की समस्या पर प्रतिदिन प्रतिक्रिया व्यक्त कर, तत्काल समाधान करने के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है।

दक्षिणी अंदरूनी हिस्से के कुछ जिलों में एक सप्ताह से बारिश हो रही है, इसके बावजूद यह सूखे और पीने के पानी की कमी को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। पीने के पानी की समस्या और तापमान में बढ़ोतरी के कारण लोगों के साथ-साथ मवेशियों का भी बुरा हाल हो रहा है। चारे की कमी गंभीर होती जा रही है। इस बारे में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जिलाधिकरियों के साथ परामर्श किया है और जिलाधिकारियों को किसी भी कारण से स्थिति बेकाबू न हो इस पर नियंत्रण का निर्देश दिया है।

विस्तृत जानकारी
अगले एक सप्ताह में बारिश होने के संकेत हैं। यह मानकर उन्हें हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठने की वरिष्ठ अधिकारियों ने कर्मचारियों को चेतावनी दी है। ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी क्षेत्र के विभिन्न वार्डों की स्थिति का भी अवलोकन किया गया है। उन्होंने चारा किट वितरण, चारे की उपलब्धता, चारे की खरीद के लिए निविदा, गौशाला आदि सूखा राहत का विवरण प्राप्त किया है।

कोई दिशा निर्देश नहीं?
राज्य सरकार ने जिला आपदा राहत कोष के लिए 150 करोड़ रुपए की अनुमान राशि मंजूर किए तीन-चार साल हो गए हैं परन्तु इस अनुदान के उपयोग के लिए उचित दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं। चित्रदुर्ग जिले के लिए 4.75 करोड़ रुपए जिला आपदा निधि अनुदान जारी हुआ है।

आचार संहिता मेें छूट की अपील
ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री प्रियांक खरगे ने रा’य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर रा’य के 223 सूखा प्रभावित तालुकों में सूखा और पेयजल प्रबंधन पर समीक्षा बैठक आयोजित करने की अनुमति मांगी है। तालुकों में पेयजल की विकराल होती समस्या को देखते हुए बैठक कर निर्णय लेने के लिए आदर्श आचार संहिता से छूट देने का अनुरोध किया है। भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल राज्य में मानसून की बारिश देरी से होगी। अगले दो महीनों तक लोगों और पशुओं के लिए पीने के पानी की आपूर्ति और रखरखाव जरूरी है।

इन जगहों पर है पानी की समस्या
चिक्कबल्लापुर जिले के 6 तालुकों के 30 गांवों में पीने के पानी की समस्या है। इसी तरह, चित्रदुर्ग के 5 तालुकों के 75 गांव, तुमकूर के 9 तालुकों के 64 गांव, चिक्कमगलूरु के 5 तालुकों के 36 गांव, दावणगेरे के 6 तालुकों के 42 गांव, बल्लारी के 3 तालुकों के 18 गांव, कलबुर्गी के 9 तालुकों के 63 गांव, बीदर के 3 तालुकों के 14 गांव, कोप्पल के 6 तालुकों के 23 गांव, बेंगलूरु नगर के 4 तालुकों के 18 गांव, मंड्या के 7 तालुकों के 20 गांव, हासन के 7 तालुकों के 82 गांव, बागलकोट के 3 तालुकों के 18 गांव, रामानगर के 5 तालुकों के 31 गांव, चामराजनगर के 3 तालुकों के 9 गांव, रायचूर के 7 तालुकों के 58 गांव, विजयपुर के 7 तालुकों के 50 गांव, यादगिरी के 4 तालुकों के 29 गांव, बेलगावी के 12 तालुकों के 97 गांव, दक्षिण कन्नड़ के 1 तालुकों का 1 गांव, धारवाड़ के 5 तालुकों के 22 गांव, गदग के 4 तालुकों के 9 गांव, हावेरी के 7 तालुकों के 56 गांव, शिवमोग्गा के 2 तालुकों के 5 गांव, उत्तर कन्नड़ के 2 तालुकों के 16 गांव, मैसूर के 6 तालुकों के 17 गांव, कोडगु के 2 तालुकों के 7 गांव, विजयनगर के 6 तालुकों के 92 गांव और कोलार जिले के 4 तालुकों के 4 गांवों में गंभीर पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

चारे की कमी को दूर किया जा रहा है

पेयजल और चारा प्रबंधन के लिए अब तक जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 202 बैठकें और तालुक टास्क फोर्स की 462 बैठकें की गई हैं। पानी और चारे के रखरखाव के खर्च के भुगतान के लिए जिलाधिकारियों और तहसीलदारों के खातों में कुल 836 करोड़ रुपए अनुदान उपलब्ध है। अलग-अलग हिस्सों में 28 गौशालाओं में 47 चारा बैंक खोले गए हैं और चारे की कमी को दूर किया जा रहा है।
-कृष्णबैरेगौड़ा, राजस्व मंत्री

राज्य में गंभीर सूखे के कारण उपजे पेयजल संकट का विवरण
-राज्य के 1006 ग्राम पंचायतें गंभीर पेयजल समस्या की चपेट में
-150 तालुके 1006 ग्राम पंचायतों में उपजी पानी की किल्लत
-438 गांवों में टैंकरों से जलापूर्ति
-750 से अधिक निजी और सरकारी टैंकरों का उपयोग
-पेयजल आपूर्ति के लिए 1560 ट्यूबवेल चयनित
-1271 गांवों को निजी ट्यूबवेल से जलापूर्ति

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