लोगों के लिए भी डिजिटल साक्षरता
आठ युवाओं की टीम कर रही मुफ्त डिजिटल साक्षरता का संचालन
बेलगावी. युवाओं का एक समूह जिले में साइबर अपराधों को रोकने और लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए चार साल से चुपचाप काम कर रहा है।
साइबर क्राइम अवेयरनेस टीम चिक्कोडी के नाम से आठ युवाओं की एक टीम ने मुफ्त डिजिटल साक्षरता का संचालन कर रही है। 2020 में गठित, टीम ने अब तक 3,700 से अधिक साइबर धोखाधड़ी के मामलों को सुलझाने में पुलिस विभाग की मदद की है।
धोखाधड़ी के पीडि़तों को न्याय दिलाने में सक्रिय है टीम
चिक्कोडी उप-मंडल कार्य क्षेत्र में लोन ऐप धोखाधड़ी के 2,500 मामले, वीडियो कॉल धोखाधड़ी के 1,000 मामले, ऑनलाइन नौकरी लालच के 200 से अधिक मामले सामने आए हैं। धोखेबाजों का पता लगाने और धोखाधड़ी के पीडि़तों को न्याय दिलाने में टीम सक्रिय है। वे ऑनलाइन बिजनेस में निवेश करने वालों, ऑनलाइन नौकरियों के लिए आवेदन करने वालों, वीडियो गेम में निवेश करने वालों आदि को क्या सही है और क्या झूठ इसकी भी जानकारी दे रहे हैं।
पुलिस कर्मियों ने भी प्राप्त किया प्रशिक्षण
पिछले एक साल से बेलगवी, बागलकोट, विजयपुर, कलबुर्गी जिलों के ग्राहक भी इनकी मदद प्राप्त की है। खुद पुलिस कर्मियों ने भी उनसे प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
ये हैं टीम के सदस्य
2020 में कोविड के दौरान साइबर अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। लोगों की मदद के लिए केरूर के आनंद माली के नेतृत्व में जागरूकता का काम शुरू किया गया। अमित माली (एम.कॉम, बी.एड), रामगौड़ा पाटिल (बी.कॉम), बसवराज नागराले (एलएलबी), महादेव धनवड़े (डिप्लोमा), बसवप्रभु शिरगांवी (डिप्लोमा), राहुल शेडबाले (बीसीए), मलगौड़ा पाटिल (बीई) टीम में हैं। और अधिक युवा अपने खाली समय में इसका साथ देते हैं।
300 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता पैदा की
उन्होंने 300 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों में ओटीपी हैक, वीडियो कॉल, टेलीग्राम प्रीपेड टास्क घोटाला, निवेश और कमाई घोटाला, क्रिप्टो ट्रेडिंग, डिजिटल गिरफ्तारी सहित विभिन्न अपराधों के बारे में जागरूकता पैदा की है।
पैसा ढूंढ कर लौटाया
उमराणी के ग्रामीण उमेशा निडगुंदी ने कहा कि वे ऑनलाइन बिजनेस में निवेश करके 50 हजार रुपए का नुकसान उठाया था। साइबर अपराध जागरूकता टीम ने पैसा ढूंढ लिया और उसे लौटा दिया।
साइबर अपराध बढ़े हैं
ऑनलाइन कक्षाएं शुरू होने पर साइबर का उपयोग बढ़ा है। तदनुसार, अपराध भी बढ़े हैं। हमने डिजिटल निरक्षरता को खत्म करने के लिए टीम का गठन किया है।
-आनंद माली, अध्यक्ष, साइबर क्राइम अवेयरनेस टीम
डिजिटल साक्षरता का बीड़ा उठाएं युवा
साइबर अपराध का पता लगाने और उसे नियंत्रित करने में युवाओं की इस टीम ने पुलिस को मदद कर रही है। ऐसे युवा डिजिटल साक्षरता का बीड़ा उठाएं।
–बसगौड़ा नेर्ली, पीएसआई चिक्कोडी
300 पृष्ठ की जानकारी पुस्तिका
साइबर सिक्योरिटी – ए गाइड (साइबर सुरक्षा-मार्गदर्शक) नाम से 300 पेज की किताब प्रकाशित की है। साइबर अपराध की दुनिया के बड़े मामले, छोटे-मोटे फ्रॉड, मोबाइल हैक, कंप्यूटर हैक सहित सभी प्रकार के अपराधों को कैसे अंजाम दिया जाता है। उनसे कैसे बचा जाए इस बारे में भी यह किताब बताती है।