जिला सत्र न्यायालय से मिली अग्रिम जमानत
मेंगलूरु. धर्मस्थल प्रकरण में गिरफ्तारी की आशंका झेल रहे यूट्यूबर समीर एम.डी. को मेंगलूरु जिला सत्र न्यायालय ने गुरुवार को अग्रिम जमानत प्रदान की है। अदालत के इस आदेश के बाद फिलहाल उनकी गिरफ्तारी की संभावना टल गई है।
समीर पर आरोप है कि उन्होंने एआई वीडियो तैयार कर दंगे को भडक़ाने की कोशिश की थी। इसी आरोप के आधार पर 12 जुलाई 2025 को धर्मस्थल पुलिस ने उनके खिलाफ स्व-प्रेरित (सु-मोटो) केस दर्ज किया था। एफआईआर संख्या 0042/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं में उन्हें मुख्य आरोपी (ए-1) बनाया गया है।
पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए हाजिर होने का नोटिस दिया था, मगर हाल ही में धर्मस्थल में अन्य यूट्यूबर साथियों पर हुए हमले के बाद समीर ने अपनी जिंदगी को खतरा बताते हुए पुलिस को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे, परन्तु पूछताछ या तो किसी अन्य थाने में हो या फिर उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए। साथ ही, उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान देने की अनुमति भी मांगी थी।
इस बीच, समीर ने 19 अगस्त को अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई के बाद 21 अगस्त को अदालत ने जमानत मंजूर कर आदेश जारी किया।
इधर, गुरुवार को धर्मस्थल थाना पुलिस की एक टीम उन्हें गिरफ्तार करने के लिए बेंगलूरु के बन्नेरुघट्टा स्थित उनके घर पहुंची थी। टीम का नेतृत्व उपनिरीक्षक आनंद एम. कर रहे थे परन्तु उस समय समीर घर पर मौजूद नहीं थे, जिसके चलते गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी।
अब अदालत से अग्रिम जमानत मिलने के बाद समीर की गिरफ्तारी की आशंका टल गई है। खास बात यह है कि यह घटनाक्रम उडुपी के सौजन्य समर्थक कार्यकर्ता महेश शेट्टी तिमरोडी की गिरफ्तारी के ठीक समय पर सामने आया है।
