
जेल के अंदर कैसे गया मोबाइल फोन?
-गडकरी को धमकी का मामला
बेलगावी. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर स्थित कार्यालय में धमकी भरा फोन करने वाले कैदी जयेश पुजारी को मोबाइल फोन किसने दिया? जेल के अंदर कैसे गया मोबाइल फोन? इस बारे में अधिकारियों को अभी तक भनक तक नहीं लगी है।
हिंडलगा जेल में रहकर ही शनिवार को फोन करने वाले कैदी ने खुद को अपराध जगत के सरगना दाऊद इब्राहिम के गिरोह का सदस्य बताकर 100 करोड़ रुपए देने की धमकी दी थी। महाराष्ट्र पुलिस ने जब इस बारे में पड़ताल की तो उसकी कुख्यात आपराधिक हिस्ट्री सामने आई।
जेल के अंदर भी जोर
जेल के सूत्रों के अनुसार कैदी जयेश ने जेल में भी कई लोगों को धमकाया था। उनका व्यवहार बहुत क्रूर है। हत्या और डकैती समेत तीन मामलों में सजायाफ्ता जयेश 16 महीने पहले हिंडालगा जेल में शामिल हुआ था। वह साथी अन्य कैदियों के साथ दुव्र्यवहार और प्रताडि़त करता रहा इसके चलते उसे एक अलग सेल में रखा गया था। उसने जेल अधिकारियों को भी धमकी दी थी।
जांच की जा रही है
मुख्य कारागार अधीक्षक कृष्णकुमार ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा अन्य को जेल के अंदर मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं है। ऐसे में जयेश को मोबाइल कैसे मिला? इस बात की जांच की जा रही है कि फोन करने के लिए इस्तेमाल किया गया सिम किसके नाम पर है।
सीसीटीवी कैमरे की जांच की जाएगी
उन्होंने कहा कि जेल की दीवारें संकरी हैं। बाहर खड़े रहने पर मोबाइल फेंके जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। कर्मचारी के ही लेजाकर देने के आरोप हैं। कुल 68 सीसीटीवी कैमरे हैं और उनकी जांच की जाएगी।
सुरक्षा के मामले में कोई चूक नहीं हुई
मुख्य कारागार अधीक्षक कृष्णकुमार ने कहा कि यहां 900 से ज्यादा कैदी हैं। 120 कर्मचारी हैं। 50 कर्मचारियों की कमी है। अलग-अलग जगहों के अपराधियों को यहां लाकर जोड़ा जाता है। खतरनाक अपराधियों पर अलग से नजर रखने की जरूरत है। सुरक्षा के मामले में कोई चूक नहीं हुई है।
पूछताछ के लिए ले जाने की तैयारी
उन्होंने कहा कि जयेश के मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस और पुलिस की एक टीम लगातार कर रही है। अदालत सेे अनुमति प्राप्त कर इसे पूछताछ के लिए ले जाने की तैयारी की जा रही है।
मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है
जान से मारने की धमकी के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। घटना में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए कार्रवाई की गई है।
- बसवराज बोम्मई, मुख्यमंत्री
अपारधी की पृष्ठभूमि
आरोपी जयेश दक्षिण कन्नड़ जिले के कड़बा तालुक शिराडी का निवासी है, उसने 2008 में उप्पिनंगडी पुलिस थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की हत्या की थी। मेंगलूरु पांचवें सत्र न्यायालय ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। 2019 में उसे मैसूर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। 14 सितंबर 2021 को उसे हिंडलगा जेल में स्थानांतरित किया गया।
फिलहाल जयेश के खिलाफ महाराष्ट्र के धनतोली थाने में आईपीसी की धारा 1860 की धारा 385, 387, 506/2, 507 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जेल के अंदर मोबाइल यही पहली बार नहीं
दो डीसीपी, एसीपी, आठ इंस्पेक्टर और पीएसआई तथा 55 पुलिस कर्मचारियों के एक दस्ते ने 19 फरवरी 2019 को विशेष निरीक्षण किया था, उस दौरान तत्कालीन डीसीपी रहे विक्रम आमेट ने मोबाइल फोन मिलने की पुष्टि की थी। 2021 में भी एक आरोपी ने जेल के अंदर से सेल्फी क्लिक कर फेसबुक पर पोस्ट की थी परन्तु अधिकारी ने जवाब दिया था कि यह हिंडलगा जेल का नहीं है।