
बेलगावी. बैलहोंगल क्षेत्र से भाजपा का टिकट कटने से नाराज डॉ. विश्वनाथ पाटील ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। इनके साथ ही पार्टी के मंडल अध्यक्ष समेत 600 से ज्यादा सदस्यों ने भी सामूहिक इस्तीफा देने की घोषणा की है।
बैलहोंगल में बुधवार को समर्थकों की बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. विश्वनाथ ने कहा वे मैंने भाजपा कार्यकर्ता और जिला इकाई के अध्यक्ष के तौर पर बहुत काम किया है। येडियूरप्पा ने केजेपी का गठन किया था तो मैं उनके साथ जाकर एक विधायक के रूप में अपनी क्षमता दिखाई है। मैं उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के इरादे से भाजपा में वापस आया था। येडियूरप्पा ने मुझसे मुझे टिकट देने का वादा किया था परन्तु उन्होंने विश्वास करने वालों को छोड़ दिया है। सोमवार शाम को दिल्ली से एक नेता ने मुझे फोन कर कहा था कि मेरा टिकट पक्का हुआ है परन्तु यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर क्यों उन्होंने आखिरी समय में क्यों पत्ता काटा। वे दो दिन निर्वाचन क्षेत्र में यात्रा कर जनता की राय लेंगे और फिर अगला कदम उठाएंगे। मुझे टिकट नहीं देने से सभी समर्थक इस्तीफा देने को तैयार हैं। पार्टी में में अकेला रहकर क्या करूंगा इस लिए मैं भी पार्टी छोड़ दूंगा।
भाजपा मंडल इकाई के अध्यक्ष मडिवालप्पा चलकोप्प ने कहा कि बैलहोंगल निर्वाचन क्षेत्र में 96 हजार पंचमसाली समाज के सदस्य हैं। भाजपा ने हमारे समाज के नेता के साथ अन्याय किया है। इसके लिए उपयुक्त पाठ पढ़ाया जाना चाहिए। अगर हमारे पास स्वाभिमान है तो हमें एक साथ खड़ा होना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि जगदीश मेटगुड्डा ने 2018 के चुनाव में बगावत कर भाजपा को हराया था। उन्होंने येडियूरप्पा की तस्वीर पर चप्पल की माला पहनाकर उनका अपमान किया था। पांच साल से क्षेत्र में कांग्रेस विधायक महांतेश कौजलगी के साथ समझौते की राजनीति की। नगर पंचायत, तालुक पंचायत और ग्राम पंचायत चुनाव में भी मेटगुड्डा ने कौजलगी के साथ गठबंधन किया था। दोनों बणजिगा समुदाय से होने के कारण ही उनमें से एक को विधायक बनाने की साजिश कर रहे हैं।
प्रदर्शन
बैठक के बाद डॉ. विश्वनाथ के समर्थकों ने कस्बे की मुख्य सडक़ों पर विरोध प्रदर्शन किया और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही इस फैसले को तुरंत बदलने की मांग की।