
गुलबर्गा विश्वविद्यालय, छात्रों पर लगा जुर्माना का प्रहार
कलबुर्गी. यहां के गुलबर्गा विश्वविद्यालय के बीएड प्रवेश के लिए जुर्माना सहित प्रवेश शुल्क से संबंधित विश्वविद्यालय की ओर से जारी अधिसूचनाएं ने कॉलेजों के प्रबंधन बोर्ड को भ्रमित कर दिया है और छात्र पेनाल्टी शुल्क से हैरान हैं।
शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के बीएड कोर्स के लिए प्रवेश यूनिफाइड यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम (यूयूसीएमएस) की वेबसाइट पर शुरू किया है। प्रारंभ में 7 से 12 अप्रेल तक जुर्माना रहित प्रवेश शुल्क तथा 13 और 14 अप्रेल को एक हजार रुपए जुर्माने के साथ प्रवेश शुल्क लगाकर अधिसूचना जारी किया था।
तकनीकी समस्या के कारण यूयूसीएमएस में छात्रों के शेक्षणिक (एकेडमिक) रिकॉर्ड भरने में काफी समय लग रहा है। 15 बीएड कॉलेजों के प्राचार्यों ने दाखिले की अवधि स्थगित करने की अपील की थी।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और तिथि को स्थगित करते हुए 13 अप्रेल को संशोधित अधिसूचना जारी की थी। 14 से 18 अप्रेल तक बिना जुर्माना (पेनल्टी फ्री) के प्रवेश शुल्क और 19 से 22 अप्रेल तक एक हजार रुपए जुर्माने के साथ प्रवेश शुल्क लागू होने का जिक्र किया था।
छात्रोंने शिकायत की कि वे जुर्माने से छूट के लिए कुलपति से मुलाकात करने के लिए गए परन्तु उन्हें कार्यालय में प्रवेश करने नहीं दिया गया। मोबाइल कॉल के जरिए संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि मैंने आदेश जारी किया है। यूयूसीएमएस के नोडल अधिकारियों से पूछिए। नोडल अधिकारी से पूछने पर वे कहते हैं कि मुझे कुछ भी पता नहीं है। इसमें कोई तकनीकी समस्या है तो कुलपति, कुलसचिव से मिलें।
इन दोनों के बीच जुर्माने का दंश मात्र जारी है।
रातोंरात जारी की अधिसूचना!
13 अप्रेल को जारी जुर्माना मुक्त प्रवेश शुल्क अधिसूचना में संशोधन कर 15 अप्रेल की देर रात दूसरी अधिसूचना जारी कर कॉलेज प्राचार्यों के व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किया।
छात्रों ने आक्रोश व्यक्त किया कि 14 अप्रेल से 1,000 जुर्माना लागू होगा कहकर एक दिन बाद अधिसूचना में कहा गया। विश्वविद्यालय की गवर्निंग बॉडी (प्रशासन मंडल) मनमर्जी से आदेश जारी कर छात्रों के साथ खिलवाड़ कर रही है। अपने आर्थिक बोझ को कम करने के लिए आए दिन आदेश जारी कर हम पर जुर्माना लगा रहे हैं।
कुलपति का भ्रमित करने वाला बयान
कुलपति बी. शरणप्पा ने बताया कि यूयूसीएमएस में कोई तकनीकी समस्या नहीं है। केवल पांच कॉलेजों ने लापरवाही और व्यक्तिगत कारणों से छात्रों को पीड़ित कर रहे हैं परन्तु बताया जाता है कि कुलसचिव के अधिसूचना आदेश में वही 15 बीएड कॉलेजों के प्राचार्यों ने अपील की थी।
कुलसचिव ने बताया कि कुछ छात्रों ने पेनल्टी के साथ प्रवेश शुल्क का भुगतान पहले ही कर दिया है। उनके बाद आने वालों को बिना जुर्माने के प्रवेश देने पर यह उन लोगों के साथ अन्याय होगा जिन्होंने पहले ही जुर्माने का भुगतान किया है। यह हमारे संज्ञान में इसके बाद हमने शुल्क के साथ जुर्माना भी लगाया है। 13 अपे्रल कोसंशोधित आदेश में बिना जुर्माने का प्रवेश कहा गया है। इस बारे में पूछने पर उनका कहना है कि यूयूसीएमएस के नोडल अधिकारी की ओर से बताने के बाद 15 अप्रेल को पेनल्टी के साथ प्रवेश का एक और आदेश जारी किया है परन्तु बीएड कोर्स के किसी भी छात्र ने उसके बाद प्रवेश लेने वाले छात्र पर जुर्माना लगाने की बात नहीं कही है परन्तु कुलसचिव समझाइशी दे रहे हैं कि छात्रों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
गरीब छात्रों पर आर्थिक बोझ
एक छात्र ने कहा कि प्रवेश की वेबसाइट को 14 अगस्त को शुरू होना था, 15 अगस्त को शाम 6 बजे शुरू हुई है। अधिसूचना के अनुसार 18 अप्रेल से लिए जाने वाले एक हजार रुपए जुर्माना के साथ प्रवेश शुल्क को तीन दिन पहले (15 अप्रेल से) वसूल किया जा रहा है। 1,000 रुपए जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर वेबसाइट पर दस्तावेज स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं।
कॉलेज के एक प्राचार्य ने बताया कि विश्वविद्यालय के अंतर्गत लगभग 64 कॉलेज हैं और प्रत्येक कॉलेज में 70-80 छात्र बीएड की पढ़ाई कर रहे हैं। तकनीकी खराबी के बावजूद 50 फीसदी छात्रों ने दस्तावेज जमा किए हैं। तकनीकी कारणों से अवधि स्थगन की अधिसूचना जारी कर दी गई है परन्तु जुर्माना नहीं रुका है। यह गरीब छात्रों के लिए आर्थिक बोझ बनता जा रहा है।
राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में गुलबर्गा विश्वविद्यालय का बीएड प्रवेश शुल्क 50 फीसदी अधिक है। वर्तमान 9,465 रुपए फीस के साथ 1,000 रुपए जुर्माने से छात्र परेशान हैं।