राजन्ना पर प्रियांक खरगे का पलटवार
आलाकमान के सामने हर किसी को अपनी बात कहने की है आजादी
कलबुर्गी. ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि तीन डीसीएम (उपमुख्यमंत्री) चयन का मुद्दा आलाकमान के समक्ष नहीं है। के. राजन्ना तीन डीसीएम, पांच डीसीएम कहते हैं को कहने दी जिए।

शहर में मंत्री के राजन्ना के तीन डीसीएम बनाए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रियांक ने कहा कि यह राजन्ना की निजी राय है। हर कोई आलाकमान के समक्ष अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र है। चाहे तीन डीसीएम कहें या पांच डीसीएम, यह उन पर निर्भर है परन्तु मेरे पास जो जानकारी है उसके मुताबिक आलाकमान के सामने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

केन्द्रीय विश्वविद्यालय में विवेकानन्द के अपमान के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा को छोडक़र बाकी सब कुछ कर रहा है। मैं यथाशीघ्र विश्वविद्यालय का दौरा करूंगा। केन्द्रीय विश्वविद्यालय में कलबुर्गी की तुलना में अधिक राजनीति हुई है। विश्वविद्यालय ने सोचा होगा कि यह केंद्र से संबंधित है परन्तु राज्य सरकार ने इसके लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। मैंने एक बार कहा था इसके बावजूद सुधार नहींकिया है। एक और बार समझाएंगे।

केन्द्रीय विश्वविद्यालय आरएसएस कार्यालय का उद्घाटन करने नहीं दिया जाएगा। विश्वविद्यालय हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए लाया गया था, आरएसएस कार्यालय के लिए नहीं। किन उद्देश्यों के लिए संस्था खुली है, उसका पालन करना चाहिए। पुलिस थाने में भगवा शॉल ओढ़ा है। पिछले नौ साल में खूब शाखाएं खुलीं हैं। आरएसएस के सिद्धांतों में विश्वास कर किसका भला हुआ है? मैं आरएसएस के सिध्दांत के बारे में बात करने से नहीं डरता। आरएसएस के सिद्धांतों से देश का भला नहीं होगा। आरएसएस में कोई आर्थिक समानता नहीं है और देशभक्तों के लिए कोई इतिहास ही नहीं है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय के जेएनयू बनने की बात करते हुए प्रियांक ने कहा कि निर्मला सीतारमण जेएनयू से बाहर आई हैं। पिछले साल आरएसएस ने प्रार्थना, पथ संचलन सब किया है, क्या ये सही है? उगलती कोई भी करें वह गलती है।

भास्कर राव ने भी हमसे टिकट मांगा, आम आदमी में चले गए, अब भाजपा में शामिल हो गए

भास्कर राव के प्रियांक खरगे सुपर सीएम की तरह बर्ताव करने के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रियांक खरगे ने कहा कि भास्कर राव ने भी हमसे टिकट मांगा, आम आदमी में चले गए, अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। भास्कर राव के भाजपा में शामिल होने के बाद संविधान को भुल गए हैं।। वे एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी थे, ऐसा लग रहा है कि क्या सामान्य ज्ञान के बिना एक अधिकारी हमारे यहां थे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर झूठी कहानियां न फैलाई जाएं इसके लिए हमने एक कानून लाने के बारे में सोचा है। हम मोदी और अमित शाह की तरह रातोंरात चोरीचुपे इसे लागू नहीं कर रहे हैं। भाजपा का कहना है कि इससे बोलने की आजादी खत्म हो जाएगी। फर्जी खबरों पर कार्रवाई का मीडिया स्वागत कर रहा है परन्तु भाजपा चिंतित क्यों है? क्या भाजपा के पास फर्जी खबरों की फैक्ट्री है? हम रातोंरात कानून नहीं ला रहे हैं। सभी से सलाह भी मांगी है। भाजपा वाले क्यों परेशान हैं? क्या आपको डर है कि आपमें से कोई जेल जाएगा? चैत्रा कुंदापुर गैंग की गिरफ्तारी पर प्रियांक खरगे ने चुटकी लेते हुए कहा कि सभी को कुमार कृपा ने क्यों ऑपरेट किया? यही चैत्रा कुंदापुर ने आरग ज्ञानेंद्र के चुनाव क्षेत्र में जोरदार भाषण दिया था। वह चुनाव में स्टार प्रचारक थीं।

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