
वकीलों को प्रति दिन 60 लाख शुल्क
हुब्बल्ली. कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है। कर्नाटक सरकार इस कानूनी लड़ाई को जीतने के लिए जमकर तैयारी कर रही है और काफी पैसा भी खर्च कर रही है। कर्नाटक सरकार सीमा विवाद के मामले पर बहस करने वाले वकीलों की टीम पर प्रतिदिन 60 लाख रुपए खर्च कर रही है, जिसका खुलासा हुआ है।
राज्य सरकार के 18 जनवरी के आदेशानुसार वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहटगी के नेतृत्व वाली कानूनी टीम ने सुप्रीम कोर्ट में बहस तथा अन्य खर्च के लिए 60 लाख रुपए ले रही है। इस टीम में श्याम दीवान, उदय होल्ला, मारुति बी जिराली, वीएन रघुपति और राज्य सरकार के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नावडगी मौजूद हैं और उन्हें प्रतिदिन 60 लाख रुपए भुगतान किया जा रहा है।
यह ६० लाख रुपए वकीलों के स्टार होटलों में ठहरने, बिजनेस क्लास और एक्जीक्यूटिव क्लास के हवाई यात्रा के खर्च शामिल नहीं हैं परन्तु आदेश में बताया गया है कि होटल और हवाई यात्रा की व्यवस्था सरकार ही करेगी या फिर वकील उन्हें भुगतान करके राज्य सरकार से क्लेम कर सकते हैं। यदि इन सभी खर्चों को शामिल कर लिया जाए तो सीमा विवाद मामले में राज्य सरकार की ओर से खर्च की जाने वाली धनराशि बढ़ जाएगी।
मुकुल रोहटगी को प्रतिदिन 22 लाख रुपए
सरकार ने अपने आदेश में कहा कि मुकुल रोहटगी को सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रति दिन 22 लाख रुपए का भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा, बैठकों और अन्य कार्यों सहित मामले की तैयारी के लिए 5.5 लाख रुपए मुकुल रोहटगी को प्रतिदिन दिया जा रहा है। इसके तहत श्याम दीवान ६ लाख रुपए प्रतिदिन प्राप्त कर रहे हैं, केस की तैयारी के लिए 1.5 लाख रुपए प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा केस के लिए दूसरी जगह जाने पर प्रतिदिन 10 लाख रुपए चार्ज प्राप्त करेंगे। इसमें यात्रा खर्च भी शामिल होगा।
इसके अलावा, महाधिवक्ता प्रभुलिंग नावडगी सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के लिए प्रति दिन 3 लाख रुपए का शुल्क ले रहे हैं। इसके साथ ही केस की तैयारी के लिए 1.25 लाख रु. और बाहरी दौरे के लिए २ लाख रुपए प्राप्त कर रहे हैं। उदय होल्ला को 2 लाख रुपए और मामले की तैयारी के लिए 75 हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं। यात्रा व्यय के तौर पर 1.5 लाख रुपए दिया जा रहा है।
एक अन्य वकील, मारुति जिराली को प्रति दिन एक लाख रुपए भुगतान किया जा रहा है। केस की तैयारी के लिए 60 हजार रुपए और यात्रा व्यय के रूप में 50 हजार रुपए दिए जा रहे है। वहीं रघुपति को प्रति दिन 35,000 रुपए मिलते हैं। केस की तैयारी करने और यात्रा के लिए क्रमश: 15,000 और 30,000 रुपए दिए जा रहे हैं। महाराष्ट्र ने वर्ष 2004 में सुप्रीम कोर्ट से बेलगावी समेत कर्नाटक के 865 गांवों को महाराष्ट्र में शामिल करने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले नवंबर में सुनवाई की और मामले की सुनवाई अगले महीने होने की संभावना है।