पिता, भाई, भाभी भी सेना में कार्यरत
सारथी की पत्नी भी सेना में अकाउंट ऑफिसर

‘सारथी’ को गणमान्यों ने किया अंतिम नमन
मुरैना लड़ाकू विमान हादसा
बेलगावी. मध्य प्रदेश के ग्वालियर के समीप मुरैना में भारतीय लड़ाकू विमानों की टक्कर में विंग कमांडर हनुमंतराव सारथी शहीद हो गए। शहीद हुए बेलगावी के गणेशपुर के विंग कमांडर हनुमंतराव रेवणसिद्धप्पा सारथी को गणमान्य लोगों ने अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। सैनिक के पार्थिव शरीर को सेना के विशेष विमान से रविवार (29 जनवरी) दोपहर दिल्ली से बेलगावी सांबरा हवाई अड्डे पर लाया गया, जिसके बाद बेनकनहल्ली गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
एयरपोर्ट से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए
सांब्रा हवाई अड्डे से बेनकनहल्ली तक निकाली गई शव यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प बरसाए। इस अवसर पर विधायक अनिल बेनके, जिलाधिकारी नितेश पाटिल, बेलागवी शहर के पुलिस आयुक्त डॉ एमबी बोरलिंगय्या, जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एचवी दर्शन सहित अन्य गणमान्य लोगों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर अंतिम श्रद्धांजलि दी।
जिलाधिकारी नितेश पाटिल ने कहा कि ग्वालियर में प्रशिक्षण मिशन के दौरान लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से बेलगावी के विंग कमांडर हनुमंतराव सारथी की हुई मौत के बारे में जानकर बहुत दु:ख हुआ। गौरवशाली योद्धा हनुमंतराव को खोना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
बेलगावी निवासी थे हनुमंतराव सारथी
मध्य प्रदेश में ग्वालियर के पास शनिवार सुबह सुखोई 30 एमकेआई और मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के बीच हुए हादसे में शहीद हुए पायलट विंग कमांडर हनुमंतराव रेवणसिद्धप्पा सारथी (34) बेलगावी के रहने वाले थे। विंग कमांडर हनुमंतराव का जन्म 1987 में शहर के गणेशपुर के एक घर में हुआ था और यहीं उनका बचपन बीता। उन्होंने शहर के केंद्रीय विद्यालय-2 में अपनी शिक्षा पूरी की। पायलट बनने के बाद वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ग्वालियर में बस गए थे। दुर्घटना तब हुई जब दोनों विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर थे। हनुमंतराव 2009 से भारतीय वायु सेना में सेवारत थे। उनके पिता रेवणसिद्धप्पा भी सेना में कप्तान के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। भाई प्रवीण भारतीय वायुसेना में ही ग्रुप कैप्टन हैं। हनुमंत राव के माता-पिता, पत्नी मीमांशा, तीन साल की बेटी और एक साल का बेटा है। पिता रेवणसिद्धप्पा और मां सावित्री बेलगावी शहर में रहते हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक में भी लिया था हिस्सा
शहीद हनुमंतराव के पूरे परिवार ने ही खुद को देश सेवा में समर्पित कर दिया है। पठानकोट एयरबेस पर तैनात हनुमंतराव ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान रिजर्व टीम में थे। उनके पिता रेवणसिद्धप्पा ने 32 वर्षों तक भारतीय सेना में सेवा की है। शहीद हनुमान राव के भाई प्रवीण भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन हैं। भाई प्रवीण की पत्नी भी वायुसेना में पायलट अधिकारी हैं। साथ ही शहीद हनुमंतराव की पत्नी वायुसेना में अकाउंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं।