मूडिगेरे कस्बे के बेलूर रोड स्थित सार्वजनिक शौचालय।
मूडिगेरे कस्बे के बेलूर रोड स्थित सार्वजनिक शौचालय।

चिक्कमंगलूरु. मूडिगेरे कस्बे में सामुदायिक शौचालयों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि कस्बे में आने वाले लोगों खासकर महिलाओं को शौचालय जाने में शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है।
कस्बे के बस स्टैंड, तालुक कार्यालय, संते मैदान में सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया गया है परन्तु संते मैदान में नए शौचालय सहित सभी शौचालय रखरखाव के अभाव में बदबूदार हैं और उनमें प्रवेश करना चुनौती बनी हुई है। बस स्टैंड के अंदर शौचालयों के रखरखाव के लिए कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है, इसके बावजूद सफाई मृगतृष्णा बनी हुई है, लड़कियों और महिलाओं की पीड़ा अनकही है।
पुलिस थाने के सामने का शौचालय पांच साल पहले ही बंद किया है परन्तु महिलाओं के प्रकोष्ठ का दरवाजा तोडक़र निकाला गया है यह रात के समय अनैतिक गतिविधियों का अड्डा बना हुआ है। केएम रोड पर इंदिरा गांधी कमर्शियल स्टोर के पास बने शौचालय को जमींदोज किया गया है। शौचालय के अभाव में खाली प्लॉट, व्यावसायिक भवनों में स्थित गलियां मल-मूत्र विसर्जन के केंद्र बन रहे हैं।
शौचालय की कमी ने भी इस चुनाव में शोर मचाया है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि कस्बे में महिलाओं के लिए शौचालय की उचित व्यवस्था नहीं होने की स्थिति है। कस्बे में इंदिरा कैंटीन रोड, गंगनमक्की, मेगलपेटे, बेलूर रोड, जहां आबादी अधिक है, वहां सार्वजनिक शौचालयों की आवश्यकता है।
जनता का आग्रह है कि मौजूदा शौचालयों की मरम्मत कर उनके रख-रखाव के लिए उचित उपाय करना चाहिए और महिलाओं की समस्या का तत्काल समाधान करना चाहिए।
शौचालय की मांग को हल्के में लिया
तालुक कार्यालय के पास स्थित शौचालय जाने के लिए नाक को ढंकना पड़ता है। अगर यह स्थिति उस तालुक कार्यालय परिसर में होती है जहां पूरी चुनाव प्रक्रिया हुई तो अन्य जगहों पर स्थिति कैसे सुधरेगी? शौचालय की मांग को हल्के में लेना ही इस स्थिति का कारण है।
इंदिरा, शिक्षिका

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