
विधायक एच.वाई. मेटी के सामने विकास की है चुनौती
बागलकोट.बागलकोट के नवनिर्वाचित विधायक एच.वाई. मेटी के सामने विकास से संबंधित प्रकार की कई चुनौतियां हैं। एक ओर शहर पानी में डूबा हुआ है, वहीं दूसरी ओर करीबी दूरी पर भी सिंचाई की सुविधा नहीं है। क्षेत्र में पूर्ण सिंचाई कर हरित पट्टी बनानी चाहिए। इसके जरिए किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की जरूरत है।
बागलकोट क्षेत्र में अभी भी सूखी खेती प्रमुख है। मलप्रभा नहर और घटप्रभा नदी होने के बावजूद सिंचाई का सपना साकार नहीं हो पाया है। भले ही भाजपा सरकार ने शिरूर और भगवती सिंचाई परियोजनाओं के को मंजूरी दी है परन्तु कांग्रेस सरकार के सामने उन्हें पूरा करने की चुनौती है।
बागलकोट निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले ऐहोल का स्थानांतरण भी कई वर्षों से लंबित है। गांव का पुनर्वास करने के जरिए पर्यटन स्थल बनाने की जरूत है।
बीटीडीए को कायाकल्प उपब्ध कराने की है जरूरत
लोगों का कहना है कि शहर में डूबे हुए इलाकों के लोगों के पुनर्वास की जिम्मेदारी बागलकोट शहरी विकास प्राधिकरण (बीटीडीए) पर है, जो सरकार के लिए सफेद हाथी बना हुआ है। बीटीडीए को पीड़ितों को आवास उपलब्ध कराना चाहिए था, उनकी नीलामी कर सैकड़ों करोड़ रुपए संग्रह कर खर्च कर रहा है। किए गए कार्यों को ही बार-बार किया जा रहा है। हाल ही में लोकायुक्त छापामारी के दौरान दो कर्मचारी रिश्वत लेते पकड़े गए हैं। बीटीडीए को कायाकल्प उपलब्ध कराने की जरूरत है।
मूलभूत सुविधाएं हों
लोगों का कहना है कि आलमट्टी जलाशय का जलस्तर बढऩे पर बागलकोट शहर में दहशत पैदा होती है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पुनर्वास प्रदान करने का कार्य करना चाहिए। दूसरे चरण में बाढ़ के कारण तालुक के कई गांव विस्थापित हुए हैं वहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है, वहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करनी चाहिए।
लोगों का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने बागलकोट में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की अनुमति दी थी परन्तु अनुदान नहीं दिया था। बाद में सत्ता में आई भाजपा सरकार ने भी इसे नजरअंदाज किया। सैकड़ों प्रतिभावान छात्रों का अध्ययन और लाखों रोगियों के लिए उपचार केन्द्रों की शुरुआत की करनी चाहिए।
विधायक एचवाई मेटी ने ऑटोनगर निर्माण, नवीन बाजार की स्थापना, स्वच्छ पेयजल इकाइयों की स्थापना, आश्रय गृहों का निर्माण, नगर परिषद को महानगर निगम में बदलने सहित कई मांगों को पूरा करने का चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था। विधायक होने के साथ-साथ कांग्रेस की ही सरकार सत्ता में आने से इन्हें पूरा करने की जिम्मेदारी भी अब उन पर है।
लोगों का कहना है कि निर्वाचन क्षेत्र के शिरूर, कमतगी, अमीनगढ़ को नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद भी विकास में अभी भी गांव ही हैं। इनका व्यापक विकास होना है।