बेंगलूरु. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विधानसभा में कहा कि कन्नड़ को अनिवार्य बनाने के लिए विधानमंडल के चालू सत्र में ही एक विधेयक लाया जाएगा। यहां बुधवार को जद-एस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी द्वारा सदन में भाषा से संबंधित मुद्दे उठाए जाने पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा ‘हम एक कानून ला रहे हैं ताकि कन्नड़ भाषा का प्रयोग बढ़े। पहली बार हम कन्नड़ को कानूनी रूप से अनिवार्य बनाने के लिए एक विधेयक लाएंगे।’
उन्होंने कहा ‘जल, जमीन और भाषा के मामलों में हमने राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर निर्णय किया है। इसी पृष्ठभूमि में, मैं कहना चाहता हूं कि कन्नड़ सभी भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ है। हम इसे और सुधार रहे हैं। कन्नड़ के अधिक-से-अधिक प्रयोग के लिए हम एक कानून ला रहे हैं। हम इसी सत्र में कानून लाएंगे। इससे पहली बार कन्नड़ भाषा अनिवार्य हो जाएगी।’
उन्होंने कहा कि किसी पर कोई एक भाषा थोपने का सवाल नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्पष्ट किया है कि सभी क्षेत्रीय भाषाएं और मातृभाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं। इसलिए राज्य सरकार न केवल कन्नड़ भाषा की रक्षा बल्कि उसमें सुधार के लिए भी प्रतिबद्ध है।
राज्य के लोगों में चिंता नहीं होनी चाहिए। अब तक केवल कन्नड़ भाषा को अनिवार्य बनाने की बात हो रही थी। लेकिन, ऐसा पहली बार होगा जब इस संबंध में कोई कानून लाया जाएगा।
कन्नड़ में सेमेस्टर की परीक्षा
उन्होंने कहा, ‘पहले हम सिर्फ इसके बारे में बात कर रहे थे। कई समितियां और प्राधिकरण भी थे। लेकिन, उनके पास कोई कानूनी आधार नहीं था। यह पहली बार है जब हम एक ऐसा कानून ला रहे हैं जो कन्नड़ भाषा और कन्नड़भाषी लोगों की रक्षा करेगा।’ उन्होंने कहा कि अन्य भाषा बोलने वाले लोगों को भी बोलचाल में अधिक से अधिक कन्नड़ भाषा के उपयोग के लिए मजबूर किया जाएगा। सरकार इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी कन्नड़ भाषा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है। पहली बार इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपनी पहली सेमेस्टर की परीक्षा कन्नड़ में लिखी है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।