
30 टन मिर्च की हुई बिक्री
हुब्बल्ली. शहर के मूरुसाविरमठ हाई स्कूल परिसर में आयोजित तीन दिवसीय सूखी मिर्च मेले में रिकॉर्ड 1.10 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ और करीब 30 टन मिर्च की बिक्री हुई।
कर्नाटक मसाला विकास बोर्ड, कर्नाटक वाणिज्य एवं उद्योग संस्था हुब्बल्ली, बागवानी विभाग, हुब्बल्ली कृषि उपज मंड़ी समिति, संशी के अमरशिव किसान उत्पादक संस्ंथा और अमरगोल के उलुवा योगी किसान उत्पादक संगठन की ओर से मेला आयोजित किया गया था।
बोर्ड के प्रबंध निदेशक गिरीश बी.आर. कहा कि मेले में धारवाड़, बागलकोट, गदग जिले के विभिन्न हिस्सों के 90 किसानों के स्टॉल लगे थे। पहले दिन 25 लाख रुपए, दूसरे दिन 40 लाख रुपए और तीसरे दिन 45 लाख रुपए की मिर्च बिकी।
उन्होंने कहा कि 2018 के मेले में 125 किसानों ने 65 लाख रुपए लागत की 45 टन सूखी मिर्च बेची, 2019 में 102 किसानों ने 77 लाख रुपए की 33 टन मिर्च बेची। कोविड के कारण 2020, 2021 और 2022 में मेला नहीं लगा।इस वर्ष भारी बारिश के कारण मिर्च की पैदावार में कमी होने के बाद भी चालू वर्ष के मेले ने पिछले दो मेलों की औसत आय का रिकॉर्ड बनाया है। मेले में शामिल हुए किसानों के चेहरे पर भी मुस्कान थी।
धारवाड़ जिले के अलावा हावेरी, गदग सहित विभिन्न जिलों के ग्राहकों ने मिर्च खरीदी। मसाला विकास बोर्ड के अधिकारियों ने किसानों को प्रमाण पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
बागवानी विभाग के सहायक निदेशक योगेश किलारी मौजूद थे।
मेले में दलालों की भरमार
मसाला विकास बोर्ड हर साल इस उद्देश्य से मेले का आयोजन करता है कि किसान बिना दलालों की मदद के सीधे उपभोक्ताओं को मिर्च बेचें परन्तु ज्यादातर दलाल और एपीएमसी के व्यापारी बिक्री के लिए आते हैं। वे हमसे ही मिर्ची खरीदते हैं और हमारे सामने ही कारोबार करते हैं। इस साल एपीएमसी में निविदा हुई बल्लारी मिर्च की सात या आठ किस्मों को कम कीमत पर बेचा है। जीपीएस सर्वेक्षण देखने पर पता चलेगा कि वे हमारे क्षेत्र में नहीं उगी हैं।
-मुदुकप्पा शिरसंगी, किसान, कुंदगोल
मिर्च मेला सफलतापूर्वक आयोजित
चालू वर्ष का सूखी मिर्च मेला सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है। बल्लारी के हिस्सों से आई दो-तीन लोड मिर्च वापस भेज दी गई।
–गिरीश बीआर, प्रबंध निदेशक, कर्नाटक मसाला विकास बोर्ड