लाभ का समीकरण
हुब्बल्ली
. विधान परिषद सदस्य बनने के लिए जून में होने वाले पश्चिम शिक्षक क्षेत्र के लिए बतौर भाजपा उम्मीदवार चुनाव लडऩे का विधान परिषद सभापति बसवराज होरट्टी का बयान चर्चा का कारण बना हुआ है।
इससे होरट्टी तथा भाजपा को क्या लाभ होगा इसके गुण-दोष पर विचार किया जा रहा है।
विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने दशक पूर्व ही होरट्टी को भाजपा में शामिल करने का फैसला लिया था, तब होरट्टी ने उनके आह्वान का मुस्कुराते हुए इनकार किया था अब शामिल होने के लिए क्या कारण हैं इस पर चर्चा तेज हो गई है।

भाजपा का समीकरण
भाजपा नेताओं का समीकरण है कि राज्य में भाजपा सरकार के सत्ता में होने पर भी विधान परिषद में बहुमत के लिए और एक वोट कम है। होरट्टी के शामिल होने से यह कमी भी पूरी हो जाएगी। पश्चिम शिक्षक क्षेत्र से होरट्टी ने लगातार सात बार जीत हासिल की है। उन्हें हराने के लिए भाजपा, कांग्रेस पार्टियों से संभव नहीं हुआ। इस बार भी भाजपा में दावेदार हैं परन्तु उनके जीतने का विश्वास पार्टी नेताओं को नहीं है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का विधानसभा क्षेत्र शिग्गावी है और उनका मकान हुब्बल्ली में है, यह दोनों क्षेत्र पश्चिम विधान परिषद क्षेत्र में आते हैं। विधान सभा चुनाव की दहलीज पर हैं ऐसे में विधान रिषद चुनाव में हार से अलग ही संदेश जा सकता है। होरट्टी के होने पर जीत आसान हो सकती है।

होरट्टी का समीकरण
होरट्टी का समीकरण है कि राज्य में जद-एस सरकार का गठन होकर मंत्री बनने की उम्मीद बहुत कम है। भाजपा में शामिल होने से विधान परिषद के सभापति के तौर पर जारी रह सकते हैं। अपने पुत्र वसंत होरट्टी को राजनीतिक जमीन उपलब्ध करने के लिए होरट्टी ने वर्ष 2014 में पश्चिम स्नातक क्षेत्र से पुत्र का मैदान में उतारा था परन्तु जीत हासिल नहीं हुई। इसके बाद उनके पुत्र वसंत राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं। अपने राजनीतिक संन्यास के बाद पुत्र के जद-एस से चुनाव लडऩे पर जीत मुश्किल है। वहीं भाजपा में रहने पर पुत्र के लिए राजनीतिक पद उपलब्ध कर सकते हैं।
परिवारवाद की राजमीति को भाजपा में हालही के दिनों में मौका देने से इनकार किया जा रहा है। पूर्व में सभापति रहे डीएच शंकरमूर्ति के राजनीति से संन्यास लेने के बाद उनके पुत्र को मौका दिया गया है। इसी प्रकार मौका देने की बातचीत के साथ होरट्टी ने भाजपा की ओर कदम बढ़ाया है।

भाजपा नेता मौन
पश्चिम शिक्षक क्षेत्र के लिए भाजपा से चुनाव लडऩे के होरट्टी के बयान के बाद भी भाजपा टिकट के दावेदार मोहन लिंबिकाई ने होरट्टी के खिलाफ प्रहार जारी रखा है। भाजपा नेताओं ने होरट्टी के बयान का समर्थन नहीं करके मौन की शरण में गए हैं।

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