हर साल औसतन 300 से ज्यादा मामले
हुब्बल्ली. पश्चिमी घाट श्रृंखला और प्राचीन समुद्र तटों के बीच फैले उत्तर कन्नड़ जिले में कैंसर महामारी के प्रसार ने हाल के वर्ष में चिंता पैदा कर दी है। जिले में हर साल औसतन 300 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि पिछले पांच-छह साल से इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। वर्ष 2021 में जिले में कैंसर के 361 मामले सामने आए थे। 2022 में यह संख्या बढक़र 447 हो गई। नवंबर 2023 के अंत तक 289 मामले सामने आए हैं। कैंसर के मामलों में से 233 को मुंह का कैंसर, 142 को स्तन कैंसर, 24 को फेफड़े का कैंसर और 672 को अन्य कैंसर पाया गया है।

तंबाकू का सेवन भी इसका मुख्य कारण

एक चिकित्सक ने बताया कि घाट के ऊपरी हिस्से में इस बीमारी से संक्रमित लोगों की संख्या अधिक है। कुछ गांवों में दस – पंद्रह से भी अधिक लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं। कैंसर की घटनाओं में वृद्धि का सटीक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है परन्तु जब अधिकांश रोगियों का निजी-परामर्श किया गया, तो ऐसा लगा कि इसका मुख्य कारण बदली हुई जीवनशैली और आहार हो सकता है। यह स्पष्ट है कि अत्यधिक तंबाकू का सेवन भी इसका मुख्य कारण है।

बहुत कम लोग अस्पताल आते हैं
जिला मुख्यालय के एक चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज कराने आने वालों में कैंसर के लक्षण नजर आ रहे हैं। अतिरिक्त जांच करने पर पता चला कि उन्हें कैंसर है। कैंसर के लक्षणों से ही बहुत कम लोग अस्पताल आते हैं।

इलाज की कोई स्थानीय व्यवस्था नहीं

जिले के विभिन्न अस्पतालों में जांच के दौरान जिन लोगों में कैंसर के लक्षण पाए गए, वे अतिरिक्त जांच के लिए पड़ोसी जिलों के निजी अस्पतालों में गए हैं। एक बार कैंसर का पता चलने के बाद इलाज की कोई स्थानीय व्यवस्था नहीं है। आयुष्मान भारत योजना की सुविधा प्राप्त करने के कारण मरीजों के आंकड़े विभाग को प्राप्त हुए हैं।

डॉ. नीरज बी.वी., जिला स्वास्थ्य अधिकारी, उत्तर कन्नड़

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