दक्षिण कन्नड़ में छह महीने में 380 लोगों को दिल का दौरा पड़ा, 85 की मौत

डाइट और फिटनेस खतरनाक है

स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श के बिना स्वास्थ्य पेय का उपयोग न करें

डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल चिकित्सा जांच के लिए पहुंचना जरूरी

स्व-उपचार या घरेलू उपचार का उपयोग न करें

जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने दी जानकारी

मेंगलूरु. दक्षिण कन्नड़ जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एच आर तिम्मय्या ने कहा कि पिछले छह महीनों में दक्षिण कन्नड़ जिले में 380 लोगों को दिल का दौरा पड़ा है, और 85 की मौत हो गई है। मरने वालों में से 80 प्रतिशत 40 वर्ष से अधिक उम्र के हैं।

इस बारे में जानकारी देते हुए तिम्मय्या ने कहा कि इस साल दिल का दौरा पडऩे वाले 258 पुरुषों में से 54 की मौत हो गई है, और 122 महिलाओं में से 31 की मौत हो गई है। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में ईसीजी मशीन है। अगर सीने में दर्द पाए जाने पर तुरंत अस्पताल जाकर जांच करवाएं। रिपोर्ट को व्हाट्सएप के माध्यम से हृदय रोग विशेषज्ञ को भेजते हैं। यदि स्वास्थ्य में कोई बदलाव होता है, तो स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित किया जाता है। मरीजों को उचित उपचार सुविधाओं वाली जगहों पर भेजा जाता है। जिले में उपलब्ध त्वरित निदान और उपचार के कारण मृत्यु की संभावना कम है।

डाइट और फिटनेस खतरनाक है

उन्होंने कहा कि 40 वर्ष से अधिक उम्र के कई लोगों को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, थायराइड की समस्या, उच्च रक्तचाप, मोटापा, धूम्रपान, तंबाकू, अत्यधिक मोबाइल फोन का उपयोग और अनिद्रा सहित विभिन्न स्वास्थ्य कारणों से दिल का दौरा पडऩे का खतरा रहता है। इस कारण से, बीमारियों को गंभीर होने से रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। युवा लोगों में अत्यधिक शारीरिक फिटनेस (फिटनेस) खतरनाक है। डाइटीशियन से सलाह के बिना फिटनेस और डाइट के नाम पर हेल्थ ड्रिंक्स का इस्तेमाल न करें। हमारे शरीर को संतुलित आहार (डाइट) की आवश्यकता होती है। तभी यह हमारे शरीर को ठीक से और संतुलित तरीके से काम करने में मदद करेगा।

डेंगू के मामले बढ़े

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एच.आर. तिम्मय्या ने कहा कि दक्षिण कन्नड़ जिले में बारिश शुरू होने के बाद से डेंगू के मामलों में वृद्धि हुई है, मई में जिले में 10 डेंगू के मामलों की पुष्टि हुई है और संदिग्ध डेंगू संक्रमण फैल रहा है। बेलतंगडी, सुल्लिया और बंटवाल तालुकों में संक्रमण बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी से मई तक दक्षिण कन्नड़ जिले में 43 मामले पाए गए हैं। पिछले साल इसी अवधि के दौरान 534 मामलों की पुष्टि हुई थी। पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश और जगह-जगह पानी जमा होने के कारण डेंगू के मामले बड़ी संख्या में सामने आने लगे हैं। उन्होंने जनता से नजरअंदाज करने पर जानलेवा हो सकने वाली इस बुखार को नियंत्रित करने के लिए सतर्क रहने की अपील की।

हर शुक्रवार को ड्राई दिवस

तिम्मय्या ने कहा कि मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के लिए हर शुक्रवार को ड्राई दिवस मनाया जाता है। उस दिन जनता को अपने घरों में पानी के भंडारण टैंक, बैरल, ड्रम खाली करके, उन्हें धोने, साफ करने, उन्हें फिर से भरने और सभी पानी के भंडारण को ढकने में सहयोग करना चाहिए। जिस स्थान पर डेंगू और अन्य बुखार के संक्रमण का पता चला है, उसके आसपास के 50 घरों में सर्वेक्षण कर पानी के भंडारण स्रोतों की सफाई का काम किया जाएगा। इसके लिए जिले में टीमें गठित की गई हैं। डेंगू उन्मूलन सिर्फ स्वास्थ्य विभाग का काम नहीं है, जनता को भी इसमें हाथ बंटाना चाहिए। इसका समाधान मच्छरों के पनपने वाले स्थानों को खत्म करना और मच्छरों के काटने से बचना है।

खुद इलाज नहीं, डॉक्टर से मिलना जरूरी

जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अचानक तेज बुखार आना, सिर में तेज दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना डेंगू बुखार के लक्षण हैं। कोई भी बुखार हो, खुद दवा या घरेलू उपचार का सहारा नहीं लेना चाहिए। डॉक्टर या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाना चाहिए। बुखार या मांसपेशियों में दर्द होने पर बिना डॉक्टरी जांच के दर्द निवारक दवाएं लेना जानलेवा हो सकता है। डेंगू बुखार से पीडि़त व्यक्ति का प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। अगर ऐसा व्यक्ति दर्द निवारक दवाएं लेता है, तो प्लेटलेट काउंट और कम होने और मौत होने की संभावना रहती है।

दक्षिण कन्नड़ जिलो में दिल का दौरा पडऩे से होने वाली मौतें

आयु — मामले — मृत्यु
30 वर्ष से कम — ०2 — ०1
31-40 वर्ष — 18 — ०3
41-50 वर्ष — 61 — 18
51-60 वर्ष — 116 — 18
60 वर्ष से अधिक — 183 — 45
कुल — 380 — 85

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