बल्लारी जिला अस्पताल की छत की खाली जगह पर लगाए गए सोलर पैनल।
बल्लारी जिला अस्पताल की छत की खाली जगह पर लगाए गए सोलर पैनल।

बिजली के खर्च में आई कमी, हर महीने हो रही लाखों की बचत
दो साल पहले पचास लाख रुपए की लागते से लगवाए पैनल
बल्लारी.
शहर के जिला अस्पताल में हर महीने आने वाला बिजली का बिल सरकार के खजाने पर बोझ बन गया था। इस खर्च को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सौर ऊर्जा का सफल प्रयोग किया है और हर महीने लाखों की बचत कर रहा है।

जिला अस्पताल की छत पर 13वें वित्त आयोग की ओर से 50 लाख रुपए की लागत से अगस्त 2021 में 50 केवी के दो सोलर पैनल लगाए गए हैं। कुल 100 केवी के सोलर पैनल से हर महीने 12 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। प्रति यूनिट 8.50 रुपए दर निर्धारित किए गए हैं। पंखा, लाइट, फ्रिज उपयोग के लिए सुविधाजनक हैं।

रखरखाव की लागत कम

सौर पैनलों की रखरखाव लागत बहुत कम है और इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। छत पर सोलर प्लांट लगाने से बिजली बेचकर पैसा कमा सकते हैं परन्तु अस्पताल को अधिक बिजली की जरूरत है।

पर्यावरण के अनुकूल

सोलर पैनल कम से कम 25 साल तक खराब नहीं होते हैं। इसके चलते आगामी 20 साल तक मुफ्त बिजली पा सकते हैं। इससे बिजली कटौती की समस्या नहीं होती है। सौर ऊर्जा हरित ऊर्जा है और प्रदूषण पैदा किए बिना पर्यावरण के अनुकूल है।

40 फीसदी सब्सिडी भी

जेस्कॉम के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की सोलर हाउस योजना के तहत घर की छत पर सोलर पैनल लगाने पर 40 फीसदी सब्सिडी मिलेगी। बिजली की दरें बढ़ रही हैं ऐसे में रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट एक बेहतरीन समाधान है। इस योजना से मुफ्त बिजली प्राप्त करने के अलावा आय भी प्राप्त कर सकते हैं।

30 से 50 प्रतिशत की बचत

जेस्कॉम के अधिकारियों का कहना है कि घर की छत पर सोलर लगाने के जरिए 30 से 50 प्रतिशत बिजली खर्च की बचत की जा सकती है। इस पैनल को लगाने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं है। जगह के हिसाब से सोलर पैनल लगाया जा सकता है। एक घर में एक किलोवाट से पांच सौ किलोवाट बिजली पैदा की जा सकती है।

प्रति माह 1.50 लाख रुपए बचत

जिला अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि जिला अस्पताल को प्रति माह 5.28 लाख रुपए बिजली का बिल आता है। इसमें से 1.50 लाख रुपए सौर ऊर्जा से बचत हो रही है। अस्पताल में रोजाना सैकड़ों मरीज आते हैं। वार्ड, इंटेंसिव केयर यूनिट, सर्जरी रूम हैं, जहां बिजली की खपत लगातार होनी चाहिए। उसके लिए जेस्कॉम से बिजली की आपूर्ति ककरने के बावजूद इसके साथ सौर ऊर्जा को भी प्राथमिकता दी गई है। इससे सरकारी खजाने को फायदा हुआ है।

बिल कम आ रहा है

दो साल पहले जिला अस्पताल की छत की खाली जगह पर सोलर यूनिट बनाया गया था, जिससे अस्पताल में बिजली की आपूर्ति हो रही है। प्रति माह 1.50 लाख रुपए बिल कम आ रहा है।

डॉ. एन. बसरेड्डी, सर्जन, बल्लारी

बिजली का बिल बचेगा

सोलर रूफटॉप योजना के तहत घर की छत पर सोलर पैनल लगाया जा सकता है। इससे बिजली का बिल बचेगा।

  • अशोक रेड्डी, एईई, जेस्कॉम, बल्लारी
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