
मजदूरों ने मनरेगा को बनाया स्वर्ण गारंटी
गदग. होलेमन्नूर के मनरेगा (महात्मा गांधी राट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी येजना) के मजदूरों ने दिखाया है कि कड़ी मेहनत करने पर गरीबों के लिए बहुत दुर्लभ सोना खरीदना संभव है।
होलेआलूर राजस्व केंद्र (होबली) के होलेमन्नूर और गाडगुली गांव में एक अप्रेल से 16 मई तक कुल 46 दिनों में मतदान के लिए केवल एक दिन की छुट्टी लेकर शेष 45 दिनों तक लगातार काम करने वाले मजदूरों ने उन्हें मिली मजदूरी से सोना खरीदकर रोजगार गारंटी योजना को गरीबों के लिए स्वर्ण गारंटी योजना बना दिया है।
30 हजार रुपए से अधिक राशी हुई जमा
एक ही परिवार से तीन लोगों ने 100 दिन का काम पूरा कर हाल ही में उनके खाते में 30 हजार रुपए से अधिक राशी जमा हुई है। किसी ने इस पैसे से अपनी निजी जरूरतें पूरी की हैं तो किसी ने अपने बच्चों की स्कूल फीस भरी है। वहीं और कुछ ने सोना खरीदने के लिए टूट पड़े हैं।
इन्होंने खरीदा सोना
होलेमन्नूर गांव के फकीरप्पा अडिवेप्पा, गाणिगेरा लक्ष्मी और पकीरप्पा गाणिगेर ने मनरेगा से प्राप्त धन से 5 ग्राम सोना खरीदा, जबकि उसी गांव की नीलगंगव्वा यल्लप्पा बोम्मन्नवर के जोड़े ने 9 ग्राम सोना खरीदा है। शैला और बसवराज बादामी दंपती, शंकरम्मा और मल्लप्पा हुडेद दंपती ने भी सोना खरीदा है।
इच्छाशक्ति से हुआ संभव
पंचायत कर्मचारियों का कहना है कि पीडीओ शिवनगौड़ा मेणसगी की प्रेरणा और प्रोत्साहन तथा दो ग्राम पंचायतों के अध्यक्षों और सदस्यों की इच्छाशक्ति के कारण यह कार्य संभव हो पाया है।
लक्ष्य प्राप्ति
मनरेगा अधिकारियों, ग्राम पंचायत कर्मचारियों और मजदूरों की कड़ी मेहनत के साथ, ग्राम पंचायत ने मानव दिवस के अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा किया है और योजना कार्यान्वयन में अन्य ग्राम पंचायतों के लिए आदर्श बना है। जले में ही उच्चतम प्रतिशत मानव दिवस का सृजन करने वाले ग्राम पंचायत के तौर पर होलेमन्नूर ग्राम पंचायत चिन्हित हुआ है जो एक और विशेषता है।
–रवि एएन, सहायक कार्यकारी अधिकारी, रोण तालुक पंचायत
आधा तोला सोना खरीदा
हम हर दिन मनरेगा काम में गए थे, 43 दिन काम किया है। हमारे खाते में 30 हजार रुपए से ज्यादा पैसा जमा हुए हैं। बाद में हमारे परिवार के सदस्यों को साथ लेजाकर आधा तोला सोना खरीदकर लाएं हैं।
–लक्ष्मी पकीरप्पा गाणिगेर
जरूरतें पूरी कीं
हमें खुशी है कि हमारे गांव के लोगों ने मनरेगा मजदूरी के पैसे से सोना खरीदने समेत अपनी जरूरतें पूरी कीं।
–शिवप्पा सांतप्पा जावूर, अध्यक्ष, होलेमन्नूर ग्राम