कुमटा तालुक की कल्लब्बे ग्राम पंचायत
उत्तर कन्नड़. जिला कुमटा तालुक की कल्लब्बे ग्राम पंचायत का गठन हुए पांच साल बीत चुके हैं परन्तु अब तक नई इमारत का सौभाग्य नहीं मिला है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि गांव में कार्यालय निर्माण को लेकर मची प्रतिस्पर्धा इसकी वजह है। नवगठित ग्राम पंचायत के लिए कार्यालय निर्माण की खातिर तीन साल पहले ही 40 लाख रुपए का अनुदान जारी किया गया था।
इसमें से पंचायत राज अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) विभाग से 20 लाख, मनरेगा के तहत 16.75 लाख और ग्राम पंचायत निधि से 3.25 लाख रुपए आवंटित किए गए थे। ग्राम पंचायत के पिछले प्रशासनिक मंडल ने नए भवन के लिए सरकार से 5 एकड़ जमीन आवंटित करवाई थी।
ग्राम पंचायत कार्यालय भवन निर्माण के लिए नींव खोदने के कार्य के साथ-साथ भवन निर्माण कार्य के चारों ओर परिधि दीवार का निर्माण कराया गया था परन्तु ग्राम पंचायत कार्यालय हमारे गांव के पास बनाना चाहिए कहकर गांव के कुछ लोगों ने विरोध किया, इसके चलते काम रुका हुआ है।
ग्राम पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष हरीश भट्ट ने बताया कि तत्कालीन विधायक दिनकर शेट्टी और जिला पंचायत के पूर्व सदस्य गजानन पई ने गांव की मुख्य सड़क के किनारे नए ग्राम पंचायत भवन के लिए जमीन आवंटित कराने के लिए कड़ी मेहनत की थी।
भवन निर्माण के लिए निविदा आवंटित कर कार्य होने के बाद, कुछ निहित स्वार्थी तत्वों ने दबाव बनाकर अपने गांव के करीब भवन निर्माण करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और विधायक पर दबाव बनाने से कार्य रुका हुआ है।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत कार्यालय वर्तमान में गांव के सहकारी संघ के संकीर्ण भवन में संचालित हो रहा है। लंबित पड़े भवन का अनुदान सरकार को लौटने से पहले काम शुरू कराने की विधायक को कार्रवाई करनी चाहिए।
इनका कहना
अनुदान वापस होने से पहले काम शुरू करने के संबंध में पत्राचार करने के बारे में कल्लब्बे ग्राम पंचायत को सुझाव दूंगी।
–नागरत्ना नायक, कार्यकारी अधिकारी, तालुक पंचायत, कुमटा
ग्राम पंचायत के कार्यालय तक जाना हमारे लिए बहुत दूर होगा कहकर कुछ ग्रामीणों की आपत्ति के कारण भवन निर्माण कार्य रोका गया है।
–दिनाकर शेट्टी, विधायक