कुंदगोल तालुक में प्रधानमंत्री सड़क योजना का हाल
जान हथेली पर लेकर गुजरने की स्थिति
हुब्बल्ली. विधान सौध के सामने लगा है, सरकारी काम भगवान का काम है परन्तु कुंदगोल तालुक में यह शब्द अक्षर के विपरीत है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना कार्य सडक़ के लिए 7.6 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद महज 6-7 महीने में ही सडक़ खराब हो गई है और पहले जैसी दिखने लगी है।

यह तालुक पिछड़ा तालुक कहलाने के बावजूद यहां विकास कार्य कम ही होते हैं। तालुक में सडक़ पर यात्रा करने का मतलब है जान हथेली पर लेकर गुजरने की स्थिति निर्माण हुई है।

डामर उखड़ चुका है

भाजपा सरकार के कार्यकाल में यलिवाल से कमडोल्ली-हंचीनाल सडक़ को जोडऩे वाली कूबिहाल सडक़ के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तृतीय चरण में 7 किमी सडक़ के विकास की खातिर अनुदान जारी किया गया था। ठेकेदार ने भी कार्य पूरा किया। महज 6 माह में ही सडक़ पर बिछाया गया डामर उखड़ चुका है तथा सडक़ पत्थरों से भरी हुई है। इस सडक़ को देखने पर लगेगा कि यह सडक़ कई साल पहले बनाई गई थी।

दो पहिया वाहन भी नहीं चल पा रहे

यात्रियों की शिकायत है कि अब इस सड़क पर दोपहिया वाहन भी नहीं चल पा रहे हैं और अगर थोड़ा भी चूक हुई तो पत्थरों और गड्ढों से बचने की कोशिश में गिरने की स्थिति निर्माण हुई है। विकास परियोजनाएं शायद ही कभी तालुक में आती हैं। आया अनुदान भी पर्याप्त रूप से क्रियान्वित कर अच्छी सडक़ बनाकर यातायात को देने के लिए जिम्मेदार विभाग के आंख पर पट्टी बांधकर बैठने से सडक़ अब पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक ग्राम सडक़ योजना ठेकेदारों के गलत काम के कारण खटाई में पड़ती जा रही है। अब तो इस हिस्से के सांसद, विधायक और अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए ताकि सरकारी पैसे की बर्बादी न हो।

ठेकेदार को नोटिस

कुछ महीने पहले बनी सडक़ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। सडक़ की मरम्मत के लिए ठेकेदार को नोटिस भी जारी किया गया है।
एमएच दिवटर, अधिकारी, पीएमजीएसवाई

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