हुब्बल्ली के नेहरु कॉलेज के सामने अंजुमन ए इस्लाम संस्था हुब्बल्ली के चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने के दौरान जमा हुई समर्थकों की भीड़।

हुब्बल्ली. अंजुमन ए इस्लाम संस्था हुब्बल्ली के चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने का सोमवार को आखिरी दिन था और कुल 215 नामांकन पत्र जमा किए गए हैं।
चार गुटों के उम्मीदवार एक विशाल जुलूस में आए और घांटीकेरी स्थित नेहरू कॉलेज में खोले गए रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। सुबह से लेकर शाम तक प्रत्याशियों के समर्थक और समुदाय के लोग कॉलेज के आसपास जुटे थे।
वर्तमान अध्यक्ष मुहम्मद यूसुफ सवनूर, उपाध्यक्ष अल्ताफ नवाज कित्तूर गुट के सदस्यों ने सुबह 11 बजे पुरानी हुब्बल्ली के इंडी पंप सर्कल स्थित हजरत सैयद फतेहशावली दरगाह से बाइक रैली के जरिए आकर अपना नामांकन पत्र जमा किया। पूर्व मंत्री ए.एम. हिंडसगेरी के नेतृत्व वाला गुट भी विशाल जुलूस में आया और अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। प्रत्येक गुट के नामांकन पत्र दाखिल कर बाहर आते ही जमकर जयकारे लगाए। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी।
अंजुमन-ए-इस्लाम संस्था हुब्बल्ली प्रशासन मंडल (गवर्निंग बॉडी) के लिए चुनाव की घोषणा की है, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मानद सचिव, मानद सह सचिव, कोषाध्यक्ष सहित 52 पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन होना है। 215 लोगों ने आवेदन सौंपा है। प्रत्येक गुट में 52 सदस्यों ने अपना नामांकन पत्र जमा किया है, जबकि सात ने अलग से अपना नामांकन पत्र जमा किया है।
सहायक रिटर्निंग अधिकारी ताजुद्दीन शेख ने कहा कि मंगलवार को नामांकन की जांच और बुधवार सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक नामांकन पत्र वापस लेने का मौका दिया गया है। 18 फरवरी को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी। उसी दिन शाम 6 बजे से वोटों की गिनती की जाएगी और निर्वाचित उम्मीदवारों के नतीजे घोषित किए जाएंगे। कुल 1,1780 मतदाता हैं।

अभिभावकों ने जताया आक्रोश, गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग

गिरफ्तार लोगों के अभिभावकों और परिजनों ने सोमवार को अंजुमन संस्था के सामने प्रदर्शन कर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि दो साल पहले पुरानी हुब्बल्ली थाने के सामने हुए दंगा मामले में गिरफ्तार किए गए निर्दोष लोगों को रिहा करने की कार्रवाई करनी चाहिए। जब तक गिरफ्तार किए गए निर्दोष लोग रिहा नहीं हो जाते तब तक चुनाव नहीं होने चाहिए। अगर चुनाव हुए तो हम उनका बहिष्कार करेंगे कहकर उन्होंने समुदाय के नेताओं और उम्मीदवारों को फटकार लगाई। इसी दौरान समर्थकों और परिजनों के बीच कहा-सुनी हो गई और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया था। पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति पर काबू पाया।
अल्ताफ हल्लूर ने कहा कि दो साल पहले पुरानी हुब्बल्ली थाने के सामने हुए दंगा मामले के सिलसिले में 158 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 50 को जमानत पर रिहा किया गया है। परिजन बाकी लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। कोर्ट में मुकदमा चल रहा है और कानूनी लड़ाई चल रही है।

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