लोक कला को संरक्षित एवं विकसित करने की आवश्यकताबीदर में कर्नाटक जानपद अकादमी की ओर से आयोजित वर्ष 2023-2024 के मानद पुरस्कार, विशेषज्ञ पुरस्कार और पुस्तक पुरस्कार वितरण समारोह का ओकली में धान की कुटाई कर उद्घाटन करतीं जिलाधिकारी शिल्पा शर्मा।

मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा

बीदर. वन, पर्यावरण एवं जीव विज्ञान तथा बीदर जिला प्रभारी मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि लोक कला बहुत प्राचीन है, जो मानव संस्कृति और विरासत से जुड़ी हुई है। लोक कलाओं का संरक्षण एवं विकास करना सभी की जिम्मेदारी है।

खंड्रे ने यह संदेश सीधे बेंगलूरु से, बीदर में कर्नाटक जानपद अकादमी की ओर से आयोजित वर्ष 2023-2024 के मानद पुरस्कार, विशेषज्ञ पुरस्कार और पुस्तक पुरस्कार वितरण समारोह में मोबाइल फोन के माध्यम से दिया।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक लोकगीतों का घर है। लोकगीत समस्त कला, साहित्य, संस्कृति और विरासत का मूल है। इसने मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

जिलाधिकारी शिल्पा शर्मा ने ओकली में धान की कुटाई कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

कर्नाटक लोकगीत अकादमी के अध्यक्ष गोल्लहल्ली शिवप्रसाद ने प्रास्ताविक भाषण दिया और कहा कि लोकगीत जीवन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. गिरीश बडोले, कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग कलबुर्गी संभाग के संयुक्त निदेशक बसवराज हूगार, लोकगीत अकादमी के सदस्य विजयकुमार सोनारे, हलतुम्बी मूर्ति, मंजुनाथ रामण्णा, महबूब किल्लेदार, शिवमूर्ति भीमबाई, डॉ. निंगप्पा मुदेनूर आदि उपस्थित थे।

इससे पहले निकाली गई भव्य शोभायात्रा में विभिन्न सडक़ों पर लोक कला मंड़लियों ने अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। इसके बाद वार्षिक मानद पुरस्कार, विशेषज्ञ पुरस्कार और वर्ष 2023-24 के पुस्तक पुरस्कार वितरित किए गए।

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