मंत्री संतोष लाड ने बैंक अधिकारियों को दिए निर्देशधारवाड़ के जिला पंचायत भवन में किसान आत्महत्या मामलों और कृषि विकास कार्यक्रमों को लेकर जिला प्रशासन, जिला पंचायत, कृषि विभाग के अधिकारियों और बैंक अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए श्रम एवं धारवाड़ जिला प्रभारी मंत्री संतोष लाड।

किसान आत्महत्या मामला, कृषि विकास कायक्रमों पर बैठक

हुब्बल्ली. श्रम एवं धारवाड़ जिला प्रभारी मंत्री संतोष लाड ने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिया कि विभिन्न योजनाओं (सब्सिडी, वृद्धावस्था, विधवा पेंशन, किसान सम्मान…) के तहत लाभार्थियों को दी गई राशि उनके ऋणों में जमा नहीं करना चाहिए।

वे किसान आत्महत्या मामलों और कृषि विकास कार्यक्रमों को लेकर जिला पंचायत भवन में जिला प्रशासन, जिला पंचायत, कृषि विभाग के अधिकारियों और बैंक अधिकारियों की बैठक में बोल रहे थे।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि लाभार्थी को सरकार की ओर से दी गई राशि का भुगतान ऋण के लिए करने की अनुमति नहीं है। चाहे वह गैर-निष्पादित ऋण (एनपीए) खाता ही क्यों न हो, उसे हस्तांतरित करने की अनुमति नहीं है। बैंकों को तुरंत यह कार्रवाई बंद करनी चाहिए। अन्यथा, बैंक के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

जिले के लीड बैंक प्रबंधक बसवराजू ने कहा कि कोर बैंकिंग प्रणाली के तहत खाते से राशि ऋण में जमा की जाती है। हम इस मामले को बैंक के उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाएंगे।

लाड ने कहा कि कर्नाटक विकास ग्रामीण बैंक (केवीजीबी) की ओर से ऋण (फसल ऋण) प्राप्त करने के लिए वंशावली दस्तावेज लाने का निर्देश देना उचित नहीं है। ऋण देने के लिए वंशावली दस्तावेज की आवश्यकता क्यों है?

कर्नाटक ग्रामीण बैंक (केजीबी) के एक अधिकारी ने बैठक में बताया कि केवीजीबी का अब केजीबी में विलय हो गया है। केजीबी ऋण देने के लिए वंशावली दस्तावेज प्राप्त करता था, हम उसका पालन करते थे, अब हम उसे छोड़ देंगे।

विधायक एम.आर. पाटिल ने कहा कि ऐसी शिकायतें हैं कि बैंक कर्जदार किसानों के घर जाकर उन्हें कर्ज चुकाने के लिए परेशान कर रहे हैं। कुछ मामलों में, मैंने व्यक्तिगत रूप से बैंक कर्मचारियों को बुलाकर उन्हें कर्जदारों और बकायादारों को कर्ज चुकाने के लिए समय देने के लिए कहा है। बैंकों को किसानों पर कर्ज चुकाने का दबाव नहीं बनाना चाहिए।

मंत्री लाड ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फसल बीमा के लिए अपनाई जाने वाली पद्धति पर एक व्यापक सूचना पुस्तिका छपवाना चाहिए। यह सभी किसानों, जनप्रतिनिधियों और पूर्व जनप्रतिनिधियों को देनी चाहिए।

लाड ने जिलाधिकारीको निर्देश दिया कि जिले में सूक्ष्म वित्त (माइक्रो फाइनेंस) संस्थानों की बैठक आयोजित करनी चाहिए। वसूली की विधि आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।

लाड ने कहा कि हमने कुंदगोल तालुक के भरदवाड़ गांव में आत्महत्या करने वाले दो किसानों के घर जाकर जानकारी प्राप्त की है। परिवारों ने हमें बताया कि दोनों ने बैंक से ऋण लिया था। बैंक अधिकारियों को ऋण चुकाने के लिए किसानों को परेशान नहीं करना चाहिए। बैंक कर्मचारियों को कन्नड़ सीखनी चाहिए। किसानों और ग्राहकों से कन्नड़ में संवाद करना चाहिए।

जिले में 50 हजार एनपीए खाते
मंत्री संतोष लाड ने कहा कि जिले में 50 हजार एनपीए खाते हैं। एनपीए ऋण खातों पर कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से एक अध्ययन कराया जाएगा। कारणों का पता लगाने और निवारण के लिए कार्रवाई की जाएगी।

52 किसान आत्महत्या के मामले

जिलाधिकारी दिव्य प्रभु ने कहा कि वर्ष 2024-25 में जिले में 52 किसान आत्महत्या के मामले थे। इनमें से 47 मामलों में मुआवजा दिया गया है। जिले में 2020-21 में किसान आत्महत्या के 64 मामले, 2021-22 में 55, 2022-23 में 64, 2023-24 में 79 और 2024-25 में 52, यानी कुल 314 किसान आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए। सबसे ज्यादा 77 मामले नवलगुंद तालुका में दर्ज किए गए हैं।

हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर पुलिस आयुक्त एन. शशिकुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भुवनेश पाटिल, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. गोपाल एम. ब्याकोड और परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी रितिका वर्मा उपस्थित थे।

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