जिला पंचायत और वन विभाग से अभियान
लोगों ने ली राहत की सांस
हुब्बल्ली. उचित दस्तावेजों की कमी के कारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत जॉब कार्ड से वंचित वनवासी और आदिवासी समुदाय अब राहत की सांस ले रहे हैं।
अलनावर और कलघटगी तालुकों में जंगलों के पास निवास करने वाले परिवारों और आदिवासी समुदायों की पहचान कर जिला पंचायत और वन विभाग के सहयोग से उन्हें जॉब कार्ड और रोजगार देने का अभियान चलाया गया है।
तालुक पंचायत कार्यकारी अधिकारी, ग्राम पंचायत पीडीओ और जिला आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) समन्वयकों ने आदिवासी समुदाय के घर-घर जाकर उन्हें जॉब कार्ड वितरित किए।
स्थानीय रोजगार से जोड़ा
जिला आईईसी समन्वयक रेवणसिद्धप्पा एस. ने बताया कि मई महीने में अलनावर तालुक होन्नापुर ग्राम पंचायत क्षेत्र के शिवनगर, कुम्बारकोप्पा और कलघटगी तालुक सूलिकट्टी ग्राम पंचायत क्षेत्र के दिंबवल्ली, बैचापुर में जंगल के पास रहने वाले 60 घरों में जाकर जॉब कार्ड वितरित किए गए। उनके पास निवास प्रमाणपत्र नहीं होने के बावजूद मनरेगा कार्ड देकर उन्हें स्थानीय रोजगार से जोड़ा गया है।
जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद
उन्होंने बताया कि इन्हें पौधारोपण, जंगल के पास सफाई, पहाडिय़ों पर ट्रेंच खोदना जैसे कार्य सौंपे गए हैं। वर्ष 2024-25 और 2025-26 में कुल 78 आदिवासी लोगों को जॉब कार्ड मिले हैं। 3,120 मानव कार्य दिवस का रोजगार मिल चुका है। उनकी आमदनी और जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद है।
राहत महसूस हो रही है
दिंबवल्ली में हमारे सभी समुदाय के लोगों को जॉब कार्ड मिला है, सभी महिलाएं मनरेगा में कार्य कर रही हैं। तालाब, बांध निर्माण और वन क्षेत्र से जुड़े कार्य किए जा रहे हैं। हमें स्थानीय रोजगार और मजदूरी मिल रही है, जिससे राहत महसूस हो रही है।
-ख्वाजाबी गौसुसाब, उपाध्यक्ष, सूलिट्टी ग्राम पंचायत
265 लोगों को जॉब कार्ड दिए
अभी तक जिले में जंगल के पास रहने वाले 265 लोगों को जॉब कार्ड दिए गए हैं। इसका उद्देश्य मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकना और ग्रामीणों को वैकल्पिक आजीविका देना है।
–भुवनेश पाटिल, सीईओ, जिला पंचायत, धारवाड़